खेरनी : असम में हिंदीभाषी यादव (ग्वाला) की संख्या करीब आठ लाख से ऊपर होने के बाद भी हिंदीभाषी विकास परिषद् में यादव प्रतिनिधि न देकर ” सबका साथ सबका विकास’ बीजेपी का नारा पर प्रश्नचिन्ह खड़ा हुआ है। अखिल भारतीय यादव युवा महा सभा के असम प्रदेश समिति के अध्यक्ष भोला नाथ यादव और सचिव पृथ्बीराज यादव ने इस समिति को भंग कर फिर से हिंदी भाषी के सभी जातियों का प्रतिनिधि ले कर गठन करने के लिए असम सरकार के मुख्य मंत्री सर्वानंद सोनवाल जी से मांग करेंगे। ज्ञात हो की यादव ( ग्वाला) असम के हर जिले में काफी मेहनत कर के दूध उत्पाद के साथ साथ चाय बागान और कृषि , व्यापार /ब्यवसाय , निजी/सरकारी नौकरी के अलावा असम के सामाजिक भागदारी तथा राजनीती में भी महत्व रखते है।
असम विधान सभा में प्रायः हमेशा यादव प्रतिनिधि होने के बाद भी हिंदीभाषी के सबसे अधिक संख्या वाली जाति को नजरअंदाज करना बीजेपी सरकार की नीयत साफ साफ दिख रही है। अगर समय रहते बदलाव नही की जाती है तो आने वाले विधान सभा चुनाव में बीजेपी को नतीजा भुगतना होगा।