यशवंत पाण्डेय, शिलकुड़ी 15 जून। काछाड़ जिले में बाल संरक्षण को लेकर गुरुवार को टाउन क्लब में एक बैठक का आयोजन किया गया। शिलचर प्रेस क्लब में आयोजित बाल संरक्षण बैठक में विशेष अतिथि के रूप में असम विश्वविद्यालय के अध्यापक एम बंगभुषण, सुजित कुमार नाथ, दीपा राय, रसराज दास, चयन भट्टाचार्य आदि प्रमुख तौर पर मंचासीन थे। इस पर विभिन्न वक्ताओं ने बाल संरक्षषण को लेकर विचार व्यक्त करते हुए कहा , की यदि हम अपने बच्चों का संरक्षण नहीं करेंगे, तो उन्हें मृत्यु, स्थायी विकलांगता, खराब शारीरिक और मानसिक स्वास्थय, शिक्षण संबंधी समस्याएँ, विस्थापन और घरों के विलग होने जैसे जोखिमों का सामना करना पड़ेगा। वे जोखिम स्थितियां क्या हैं जिनसे बच्चों को सुरक्षित किया जाना चाहिए? कुछ अत्यंत जोखिम स्थितियां जिनसे बच्चों को संरक्षण प्रदान किए जाने की आवश्यकता है, वे हैं – बाल श्रम, बाल विवाह, बाल अवैध व्यापार, बाल यौन उत्पीड़न, शारीरिक दंड, उपेक्षा और परित्याग कानून का उल्लंघन करने के लिए बच्चों का तिरस्कार तथा उनका शोषण अथवा उनके परिवार की बड़े लोगों द्वारा किए गए अपराधों के लिए उत्पीड़न अथवा एचआईवी संक्रमिक अथवा पीड़ित बच्चों की उपेक्षा। देश के विभिन्न भागों में बच्चों के विरूद्ध अनेक पारंपरिक कूप्रथाएं विद्यमान हैं जो बच्चों के लिए क्रूर और उनके जीवन को संकट में डालने वाली हैं। अनेक अवसरों पर, बच्चे समाज में फैले अंधविश्वासों के कारण अपने जीवन से तक हाथ धो बैठते हैं। गरीबी तथा सामाजिक सुरक्षा के अभाव बाल श्रम के प्रमुख कारण हैं। बच्चे अपने तथा अपने परिवारों के लिए पैसा कमाने के लिए देर तक काम करते हैं। पिछड़े हुए और निर्धन परिवारों के बच्चों की छोटी आयु से ही काम पर लगने की संभावना होती है क्योंकि उनके परिवारों के पास संसाधनों का अभाव होता है। अवैध व्यापार का शिकार वह ब्च्चा है जो 18 वर्ष से कम आयु का है, जिसे देश के भीतर अथवा बाहर शोषण का प्रयोजन के लिए रोजगार पर नियुक्त किया गया, ले जाया गया, स्थानांतरित किया गया, रखा गया अथवा प्राप्त किया गया है। कार्यक्रम का संचालन शिलचर प्रेस क्लब के सचिव संकर दे ने किया । उन्होंने इस अवसर पर महत्वपूर्ण विचार प्रकट किया ।
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- Admin
- June 15, 2023
- 11:57 pm
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बाल संरक्षण को लेकर शिलचर प्रेस क्लब द्वारा बैठक आयोजित
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