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डिब्रूगढ , 18 जून २०२३ , संदीप अग्रवाल
असम साहित्य सभा की स्वर्णिम शाखा लूईतपोरिया स्वर्ण शाखा साहित्य सभा , डिब्रूगढ द्वारा असम के महान विभूतियों में से एक , जाने माने फिल्म निर्माता , निर्देशक , संगीतकार , कवि , नाटककार एवम लेखक रूपकुंवर ज्योतिप्रसाद अगरवाला का १२० वा जन्मदिवस गत 17 जून को उनके तामुलबाडी ( डिब्रूगढ ) स्थित जन्मस्थान ” ज्योति तीर्थ ” में एक बहुत सुंदर कार्यक्रम के साथ आयोजित किया गया । तामुलबाड़ी निवासी जादव गोगोई ( पत्रकार ) और बगीचा प्रबंधन समिति की ओर से सुमित अग्रवाल की अगुवाई में आयोजित उक्त कार्यक्रम में लूईतपोरिया शाखा के नवनिर्वाचित अध्यक्ष डॉ महेश कुमार जैन ने सर्वप्रथम ज्योति प्रसाद अगरवाला की प्रतिमा पर पुष्प माल्यार्पण किया तथा संस्था के वरिष्ठ सदस्य आत्माराम बिरमिवाल ने रूपकुंवर की प्रतिमा पर असमिया संस्कृति का प्रतीक फुलाम गामोछा पहनाया | और अन्य उपस्थित सदस्यों क्रमशः विश्वनाथ गाड़ोदिया , पुष्पा बुकलसरिया ( निवर्तमान अध्यक्षा ) , सुरेश अग्रवाल ( उपाध्यक्ष ) , राहुल दास ( सचिव ) , प्रदीप मारोदिया ( सह सचिव ) , गुरुनाम सिंह , संस्था के प्रचार सचिव एवम पत्रकार सुमन शर्मा , कुमारी मुस्कान वर्मा ( पत्रिका संपादक ) एवम संस्था के कार्यकारिणी सदस्य एवम युवा पत्रकार संदीप अग्रवाल ने भी पुष्प अर्पित किए। कार्यक्रम का संचालन जादव गोगोई ने बहुत ही उम्दा तरीके से किया। उसके बाद ,” ज्योति तीर्थ ” में एक सूक्ष्म सभा का आयोजन किया गया | जिसमें संस्था की पूर्व अध्यक्षा पुष्पा बुकलसरिया , संस्था के वरिष्ठ सदस्यों क्रमशः विश्वनाथ गाड़ोदिया , आत्माराम बिरमिवाल , और गुरुनाम सिंह को मंचासीन करवाया गया , सभी मंचासिनों सहित डॉ महेश कुमार जैन का तामुलबाड़ी चाय बगीचा प्रबंधन की ओर से एक फुलाम गामोछा से अभिनंदन किया गया | उसके बाद सुरेश अग्रवाल और पुष्पा बुकलसरिया ने अपनी सुमधुर आवाज़ में ज्योति प्रसाद अगरवाला द्वारा रचित गीत ” गांवर लोरा गांवे गांवे बोंती जोलाई जाऊं आमी “.. गीत गाकर कार्यक्रम में जान डाल दी | फिर डॉ महेश कुमार जैन ने रूपकुंवर के व्यक्तित्व तथा कृतित्व पर अपना विचार रखा | फिर प्रदीप मारोदिया ने बहुत ही सुंदर स्वरचित कविता सुनाकर सबका मन मोह लिया। आत्माराम बिरमिवाल ने अपना विचार रखते हुए कहा कि समाज के सभी लोगों को ज्योति प्रसाद अगरवाला की तस्वीर अपने घरों में लगानी चाहिए और आज के दिन उनकी फोटो के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित करना चाहिए | इसकी पहल करते हुए उन्होंने अपनी ओर से रूपकुंवर की ३०० फोटो लुईतपोरिया के बैनर तले ३०० घरों में लगवाने की बात कही , सभी ने तालियां बजाकर इसका स्वागत किया |
सुरेश अग्रवाल ने ज्योति प्रसाद अगरवाला की पहली फिल्म ” जयमती ” के एक गीत की प्रस्तुति दी , जो काफी मनभावन था। उसके बाद तामुलबाड़ी चाय बगीचे प्रबंधन की ओर से वहां उपस्थित सुमित अग्रवाल ने अपने वक्तव्य में बताया कि हमारे तामुलबाड़ी टी एस्टेट के ” ज्योति तीर्थ ” को सरकार द्वारा टूरिज्म के लिस्ट में स्थान मिला है , जिससे हमें काफी फायदा मिलेगा और इसकी लोकप्रियता काफी बढ़ेगी , लोगों को रूपकुंवर के बारे में करीब से जानने का मौका मिलेगा | साथ ही उन्होंने ” ज्योति तीर्थ ” में आगे चलकर चित्र बनाने का और संगीत का कार्यक्रम आयोजित करने की बात को सबके सामने रखा, जिस पर भी सभी ने सहमति जताते हुए शीघ्र ही इसकी व्यवस्था किए जाने की बात कही | ” ज्योति तीर्थ ” के रखरखाव में सुमित अग्रवाल जी के अहम योगदान के लिए उनका भी फुलाम गामोछा से अभिनंदन किया गया | गुरुनाम सिंह ने हिंदी में रूपकुंवर के जीवन की उपलब्धियों को अपने कविता के द्वारा सबके सामने रखा, और सचिव राहुल कुमार दास ने भी अपने विचार रखें | सभा की पत्रिका संपादक कुमारी मुस्कान वर्मा ने भी अपना विचार रखते हुए कहा की वो सभा के सभी कार्यक्रमों में हमेशा खुल कर शामिल होंगी और अपना सहयोग प्रदान करेंगी । अंत में जादव गोगोई ने उपस्थित सभी का धन्यवाद दिया | सभी ने खड़े होकर असम के जातीय संगीत ” ओ मूर आपूनार देश ” गाकर कार्यक्रम को विराम दिया। इसके पश्चात लुईतपोरिया स्वर्ण शाखा साहित्य सभा के सदस्य समीपवर्ती तामुलबाड़ी चाय बगीचा प्राथमिक विद्यालय के बच्चों के साथ मिले और ज्योति संगीत भी गाया जिसमें बच्चों ने भी जम कर साथ दिया , संस्था की ओर से विद्यालय के बच्चों को बिस्कुट के पैकेट्स भी दिए गए | यह जानकारी डॉ महेश कुमार जैन और कुमारी मुस्कान वर्मा द्वारा संयुक्त रूप से दी गई है |