गुवाहाटी, 21 जून (हि.स.)। असम समेत पूरे पूर्वोत्तर और पड़ोसी देश भूटान में लगातार हो रही बारिश के चलते स्थिति गंभीर हो गयी है। राज्य में तीन नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, जिसमें बेकी (रोड ब्रिज), पगलादिया (एनटी रोड क्रॉसिंग), पुठिमारी (एनएच रोड क्रॉसिंग) शामिल हैं। असम के 20 जिले बाढ़ प्रभावित हैं। कई नदियों के तटबंध टूट गए और सड़कों को भी नुकसान हुआ है। प्रशासन बाढ़ प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने के लिए जरूरी कदम उठा रहा है।
असम राज्य आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से 20 जिलों में बाढ़ के आंकड़े जारी किए गये हैं। बाढ़ प्रभावित 20 जिलों में 19 ग्रामीण और एक ऐसा जिला है जिसका शहरी इलाका बाढ़ प्रभावित है। वहीं चार जिले ऐसे हैं, जिसके शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में बाढ़ आई है। बाढ़ प्रभावित ग्रामीण जिलों में बजाली, बाक्सा, बरपेटा, बिश्वनाथ, चिरांग, दरंग, धेमाजी, धुबड़ी, डिब्रूगढ़, गोलाघाट, होजाई, कामरूप (ग्रामीण), कोकराझार, लखीमपुर, नगांव, नलबाड़ी, शोणितपुर, तामुलपुर और उदालगुड़ी शामिल हैं। वहीं चार जिलों के शहरी क्षेत्र बजाली, दरंग, कामरूप (मेट्रो), कोकराझार और नलबाड़ी में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गयी है। बाढ़ से 45 राजस्व सर्किल अंतर्गत 780 गांवों के 119830 लोग प्रभावित हुए हैं। बाढ़ से कुल 10591.85 हेक्टेयर फसल प्रभावित हुए हैं।
बाढ़ प्रभावितों के लिए कुल 14 राहत शिविर स्थापित किये गये हैं, जबकि 17 राहत वितरण केंद्र खोले गए हैं। राहत शिविरों में कुल 2091 लोग रहे हैं। बाढ़ से राज्य के कुल 107479 पशु धन प्रभावित हुए हैं। इसमें बड़े पशुओं की कुल संख्या 48935, छोटे 32759 तथा 25785 कुक्कुट शामिल हैं।
बाढ़ प्रभावित इलाकों में बचाव अभियान के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ एवं अग्निशमन विभाग की टीमों के साथ मेडिकल टीमें भी तैनात की गयी हैं। अब तक विभिन्न बाढ़ प्रभावित इलाकों से 1280 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। राहत एवं बचाव कार्यों में 18 नावों को तैनात किया गया है, जबकि 14 मेडिकल टीमें अपनी सेवाएं बाढ़ प्रभावित इलाकों में दे रही हैं।
बाढ़ प्रभावितों के बीच खाद्य सामग्रियों का वितरण किया गया। जिसमें 46.17 क्विंटल चावल, 8.37 क्विंटल दाल, 2.52 क्विंटल नमक, 186.98 लीटर सरसों का तेल, पशुओं के लिए गेहूं का चोकर 218.60 क्विंटल और चावल की भूसी 93.90 क्विंटल शामिल हैं।राज्य सरकार की ओर से बाढ़ प्रभावित इलाकों में सभी तरह के आवश्यक कदम उठाए जाने के निर्देश दिए गए हैं।