फॉलो करें

समान नागरिक संहिता देर से लिया हुआ संवैधानिक निर्णय

109 Views

भारतीय जनता पार्टी ने अपनी क्षमता के इतर इतने बड़े तीन आत्मघाती घोषणा की जिसको पूरा करना कोई खेल नहीं था 34 साल तक तो पार्टी संघर्ष ही करती रही। 9 साल में दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी तीन बार सरकार बनाई जो एक प्रयोग ही कहा जायेगा। तेरह दिन तेरह महीने तथा अंतिम चरण में लगभग साढ़े चार साल सरकार चली लेकिन तीनों मुद्दे इसलिए छोङने पङे क्योंकि दो दर्जन राजनीतिक दलों को लेकर  देशहित में सरकार चलानी पङी। कश्मीर में धारा 370 को खत्म करना, राम मन्दिर बनाना तथा समान नागरिक संहिता लागू करना तीनों ही इतने बड़े मामले थे कि सारे भारत की राजनीति में हङकंप मचाने वाले थे जो हुआ भी लेकिन 2014 में नरेंद्र मोदी सरकार एक रिकॉर्ड बनाकर बनी जिससे धीरे धीरे इन मुद्दों को देश में लाया गया।

      देश में आजादी के बाद हिंदू मुस्लिम की राजनीति चलती आ रही थी ऐसे में इन तीनों मुद्दों पर चर्चा तक करने का साहस किसी नेता का इसलिए भी नहीं हुआ कि उनके समर्थन में कोई भी आने वाला नहीं था। कभी शहरों की कभी धनाड्य लोगों की तो कभी हिंदुओं की पार्टी कहकर अक्षुत पार्टी बनाकर रखा था लेकिन वरिष्ठ नेताओं ने राजनीति के मैदान में त्याग तपस्या से जुटे रहे।
    आजादी के बाद विचाराधीन अनेक मुद्दों को कांग्रेस सरकार ने कभी भी गंभीरता से लेकर सल्टाने का साहस नहीं किया लेकिन नरेंद्र मोदी ने सिलसिलेवार एक के बाद एक मसलों को सल्टाने का का काम किया।
   समान नागरिक संहिता सपष्ट रूप से भारत के मूल संविधान के अनुसार सभी देशवासियों के लिए एक कानून है। मुस्लिम समाज में कुछ अलग कानून की परंपरा है जो विवाह तलाक़ तथा संपत्ति में बंटवारे को लेकर विषमता है इस कानून को लागू करने से तीन मुख्य बिंदुओं के उपर संज्ञान लेने से एक दर्जन कुप्रथा भी खत्म हो जायेगी।
मदन सुमित्रा सिंघल
पत्रकार एवं साहित्यकार
शिलचर असम
मो 9435073653

Share this post:

Leave a Comment

खबरें और भी हैं...

लाइव क्रिकट स्कोर

कोरोना अपडेट

Weather Data Source: Wetter Indien 7 tage

राशिफल