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UP: जांच में मनीष दुबे पाए गए दोषी, कॉल रिकॉर्डिंग ने बढ़ाई ज्योति मौर्या की मुश्किलें, हो सकती है कड़ी कार्रवाई

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लखनऊ. इन दिनों पूरे देश भर में यूपी की पीसीएस अधिकारी ज्योति मौर्य की बेवफाई की कहानी सुर्खियों में छाई हुई है. दरअसल, उनके पति आलोक मौर्य ने अपनी पत्नी पर बड़े अधिकारी से अवैध संबंध रखने के आरोप लगाए हैं. साथ ही, ज्योति और होमगार्ड कमांडेंट मनीष दुबे के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई थी. जिसकी जांच होमगार्ड संगठन के डीआईजी रेंज प्रयागराज संतोष कुमार ने की और रिपोर्ट सौंप दिया है. जिसमें कमांडेंट मनीष दुबे को दोषी पाया है. वहीं, दूसरी ओर बरेली में चीनी मिल में तैनात पीसीएस ज्योति के खिलाफ जांच में मिले तथ्यों से भी शासन को अवगत कराया जाएगा.

तीन मामलों में मनीष पाया गया दोषी

– एसडीएम ज्योति मौर्य के साथ उनके संबंध, जिसकी वजह से विभाग की छवि खराब हुई.
– अमरोहा जिले की रहने वाली एक महिला होमगार्ड ने भी मनीष के खिलाफ आरोप लगाया था कि वो उसे अकेले में मिलने बुलाते थे और ऐसा नहीं करने पर उसने उसकी ड्युटी पर रोक लगा दी.
– वहीं, जांच के दौरान उनकी पत्नी ने लिखित बयान देकर कहा कि शादी के बाद मनीष ने उससे 80 लाख रुपयों की मांग की है.

डीआईजी ने कड़ी कार्रवाई की करी सिफारिश

डीआईजी रेंज प्रयागराज संतोष कुमार द्वारा जांच में मनीष के दोषी पाए जाने के बाद नियुक्ति विभाग से कड़ी कार्रवाई करने की सिफारिश की है. साथ ही, ऐसी खबर आ रही है कि जल्द ही मनीष को निलंबित किया जा सकता है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आलोक मौर्य ने होमगार्ड संगठन को ज्योति और मनीष के बीच मोबाइल पर हुई बातचीत की रिकॉर्डिंग भी सौंपी है. जिसमें दोनों ने आलोक को अपने रास्ते से हटाने की बात की है. यदि जांच में यह रिकॉर्डिंग सही पाई जाती है तो दोनों के लिए मुश्किलें बढ़ सकती है.

ज्योति ने बयान देने से किया इंकार

इधर, ज्योति मौर्या भी मामले में कुछ भी बोलने से साफ इंकार कर रही है. हालांकि, जांच के दौरान बाद में डीआईजी होमगार्ड संतोष सिंह को लिखित बयान देते हुए उन्होंने कहा कि उनके पति आलोक मौर्य से उनका विवाद चल रहा है. जिसके लिए प्रयागराज के धूमनगंज थाने में वो शिकायत दर्ज करवा चुकी हैं. फिलहाल, मामला कोर्ट में है इसलिए उन्हें जो कुछ भी कहना है वो कोर्ट में कहेगी.

यह है पूरा मामला

बता दें कि एसडीएम ज्योति मौर्य के पति पेशे से सफाई कर्मचारी हैं. जिनका कहना है कि उन्होंने ज्योति के करियर में उनका पूरा साथ दिया, लेकिन एसडीएम बनते ही उन्होंने अपने रंग बदलने शुरू कर दिए और दूसरे अधिकारी के साथ अवैध संबंध रखे. जिसकी भनक उन्हें लग गई थी. जिसके बाद मामला इतना गंभीर हो गया कि ज्योति ने आलोक से तलाक लेने की ठान ली और कोर्ट जा पहुंची, जहां उसने आलोक के खिलाफ दहेज उत्पीडऩ की शिकायत भी दर्ज कराई. वहीं, मामले की गंभीरता को देखते हुए मनीष दुबे का तबादला गाजियाबाद से महोबा कर दिया गया था.

साल 2015 में बनी एसडीएम

साल 2015 में ज्योति मौर्य यूपीएससी परीक्षा में चयनित होकर एसडीएम बनी थी. कई जिलों में एसडीएम की पोस्ट संभालने के बाद वह फिलहाल बरेली शुगर मिल में जीएम के पद पर हैं. साल 2010 में उनकी शादी आलोक मौर्य से हुई थी और 2015 में इनके जुड़वा बच्चे हुए. 2020 के बाद से इनके बीच अनबन चल रही है, जो अब देश भर में चर्चा का विषय है. लोग प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाली शादीशुदा महिलाओं से लिखवा रहे हैं कि अधिकारी बनने के बाद वो अपने पति को नहीं छोडेंगी. सोशल मीडिया पर तरह-तरह के शपथ पत्र वायरल हो रहे हैं.

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