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तिनसुकिया प्रेरणा भारती,9 अगस्त-स्वाधीनता दिवस से पूर्व अल्फा स्वाधीन की सक्रियता को देखते हुये सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक चाक चौबंद करने के उद्देश्य से आज तिनसुकिया के गेलापोखरी बाईपास स्थित कंवेंशन सेंटर में असम पुलिस महानिदेशक जीपी सिंह की उपस्थिति में एक जरूरी बैठक संपन्न हुई।इस बैठक में ऊपरी असम के सभी 8 जिलो के पुलिस अधीक्षको एवं शीर्ष आलाधिकारियों के अलावे सेना,सीआरपीएफ और असम राइफल के शीर्ष अधिकारी उपस्थित थे।
कुल 8 जिलों में तिनसुकिया,डिब्रूगढ़,सदिया,चरा ईदेव, लखीमपुर,धेमाजी,शिवसागर और जोरहाट जिले के पुलिस अधीक्षक शामिल हुये थे।सुबह से शाम तक चली इस बैठक में सुरक्षा व्यवस्था से संबंधित कई विषयों पर विस्तृत रूप से चर्चा हुई।
मालूम हो कि ऊपरी असम विशेषकर तिनसुकिया जिला हमेसा से अल्फा स्वाधीन के निशाने पर रहा है।
इस बैठक के बाद असम पुलिस महानिदेशक जी.पी सिंह ने मीडिया के समक्ष बयान दिया।उन्होंने अपने बयान में कहा कि अल्फा स्वाधीन हमेसा से 26 जनवरी और 15 अगस्त से पूर्व अपनी गतिविधियों को तेज करता है और घटनाओ को अंजाम देने की फिराक में रहता है।इन सभी विषयों और वर्तमान की परिस्थितियों को लेकर एक चर्चा की गई।जिनमे 8 जिलो के पुलिस अधीक्षक सहित सेना,सीआरपीएफ और असम राइफल के शीर्ष अधिकारी उपस्थित थे।अल्फा स्वाधीन किसी भी प्रकार की गतिविधियों को अंजाम न दे सके, इसके लिये उपस्थित इन सभी विभाग को अलर्ट रहकर अभियान चलाते रहने को कहा गया है।वही उन्होंने कहा की अल्फा स्वाधीन द्वारा सल्फाइयो और ओवर ग्राउंड वर्कर्स को व्यवहार कर धन उगाही किये जाने का जो मामला सामने आया है उंसके खिलाफ अभियान चलता रहेगा।उन्होंने अल्फा स्वाधीन में युवाओं के जाने की खबर पर पूछे गये सवाल को खारिज करते हुये कहा की उनके पास जो खबर आ रही है।उनके अनुसार जो युवक अल्फा स्वाधीन में गये थे वह अब वापस आने सोच रहे है।उनकी वापसी हेतु असम पुलिस द्वारा प्रबंध किये जाने व्यवस्था किया जा रहा है।इसके आगे उन्होंने कहा की अल्फा स्वाधीन के शिविरों के खाद्य सामग्रियो की किल्लत हो गई है,विशेषकर चावल खत्म हो गया है और अब मौनसून भी आरंभ हो गया है।मलेरिया सहित अन्य कई बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया है।इसलिए जो गये है,वह वापस आना चाह रहे है।
अल्फा स्वाधीन को लेकर मुख्यमंत्री द्वारा दिये गये बयान के ऊपर पूछे जाने पर उन्होंने कहा माननीय मुख्यमंत्री के दिये गये बयान के ऊपर मुझे कुछ कहने का कोई अधिकार नहीं है।उन्होंने जो कहा सही कहा है अभी असम का विकाश तेज गति से हो रहा है,समी को आकार असम के इस विकास मे भागीदार होना चाहिए। बाहर रहका असम में क्या हो रहा समझा नही जा सकता है।उन्होंने बताया की कमर्शियल कोई भी गतिविधि चाहे वह ऑयल सेक्टर हो,टी सेक्टर हो या फिर अन्य कोई भी सेक्टर हो उसका किसी भी प्रकार से नुकसान नही होने देना ही उनका उद्देश्य है।उन्होंने कहा की आज की इस बैठक में ऑयल सेक्टर द्वारा बताया गया की 3 वर्ष पूर्व कानून व्यवस्था और शरारती तत्वों के कारण जहा वार्षिक उत्पादन का नुकसान 86 हजार मीट्रिक टन हुआ करता था वह अब विगत वित्तिय वर्ष में घटकर गया 796 मीट्रिक टन हो गया है,याने नुकसान 99 प्रतिशत कम हुआ है।इसका मतलब सरकार राजस्व बढ़ा है और असम का विकाश और शीघ्र गति से होगा।