नई दिल्ली. भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की बैठक के बाद नीतिगत निर्णय की घोषणा कर दी गई है। इस वित्त वर्ष में एमपीसी की दूसरी बैठक में एक बार फिर रेपो रेट को लेकर बड़ा ऐलान किया गया है। आरबीआई ने लोगों को बड़ी राहत देते हुए रेपो रेट को स्थिर रखा है। आरबीआई ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। यानी रेपो रेट 6.50 फीसदी पर बरकरार है। जैसा की पहले से अनुमान लगाया जा रहा था आरबीआई ने रेपो रेट को स्थिर रख सकता है, ऐलान भी उसी तरह से हुआ है। महंगाई के आंकड़ों को देखते हुए आरबीआई ने रेपो रेट को 6.50 फीसदी पर स्थिर रखने का फैसला किया है। खास बात है कि लगातार दूसरी बार रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
आरबीआई गवर्नर के मुताबिक, भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति मजबूत बनी हुई. ज्यादातर कंपनीज की बैलेंस सीट भी मजबूत स्थिति में है. यही नहीं ग्रामीण अर्थव्यवस्था में भी सुधार की खबरें हैं. वित्त वर्ष 2024 के लिए जीडीपी ग्रोथ अनुमान को 6.5% पर बरकरार रखा गया है. हालांकि उन्होने कहा कि वैश्विक ब्याज दरें अभी हाई पर बनी रहेंगी. साथ ही सरकारी खर्चों का जिक्र करते हुए कहा कि इनमें इजाफा हुआ है. साथ ही बताया गया कि रेपो रेट में बदलाव न होना अपने आप में अच्छा संकेत है. सब्जियों के दामों में जरूर महंगाई को बढ़ा दिया है. इसे नियंत्रित किया जाएगा. ताकि देश के लोगों को महंगाई की मार न झेलनी पड़े…
आरबीआई गवर्नर ने बताया कि भारतीय अर्थव्यवस्था ने महंगाई को काफी हद तक नियंत्रित किया है. लेकिन खाने-पीने चीजों का महंगा होना वास्तव में चिंता का विषय है.. दास ने द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा की घोषणा करते हुए कहा कि वैश्विक स्तर पर भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति मजबूत बनी हुई है. दास ने बताया कि ”वित्त वर्ष 2024 में महंगाई दर 5.1% से बढ़कर 5.4% पर पहुंचने की आशंका है.
आरबीआई ने कहा कि इंडियन बैंकिंहग सिस्टम मजबूत दिख रहा है। क्रेडिट ग्रोथ अच्छी है। इकोनॉमी के दूसरे इंडिकेटर्स भी अच्छी स्थिति में है और ग्रोथ कर रहे हैं। इकोनॉमी के आंकड़ों से मिल रहे अच्छे संकेतों को देखते हुए एमपीसी के छह में से 5 सदस्यों ने रेपो रेट को स्थिर बनाए रखने के पक्ष में अपना मत रखा। आरबीआई ने कहा कि हमने महंगाई में कमी आते देखी है। ये आंकड़े ब्याज दरों को स्थिर रखने में मदद कर रहे हैं।