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10अगस्त (अनिल मिश्र)।
प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी (एम सी सी)के शीर्ष नेता सह पोलित ब्यूरो के अहम सदस्य प्रमोद मिश्रा और संंगठन एक अन्य सदस्य अनिल यादव को आज बिहार एसटीएफ एवं सीआरपीएफ की संयुक्त टीम ने गया जिले के टिकारी थाना क्षेत्र के एक गांव से गिरफ्तार कर सीआरपीएफ की कोबरा टीम पूछताछ कर रही है। साथ हीं इन दोनों के गिरफ्तारी के बाद जिले के इमामगंज, बांकेबाजार और डुमारिया थाना क्षेत्र के कई गांवों में इनलोगों के निशानदेही पर नक्सली संगठन से जुड़े अन्य सदस्यों के धर पकड़ के साथ साथ हथियारों का जखीरा पता लगाने के लिए पुलिस समाचार लिखे जाने तक एक साथ कई ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। कई नामों से मशहूर प्रमोद मिश्रा मूलतः औरंगाबाद जिले के रफीगंज थाना क्षेत्र के कासमा गांव के निवासी हैं। माओवादी संगठन के पोलित ब्यूरो सदस्य प्रमोद मिश्रा उर्फ लव कुश अथवा मदन जी पर अकेले औरंगाबाद जिले में 22मामले दर्ज हैं। पिछले वर्ष इओयू ने इनके पैतृक गांव कासमा सहित इनके कई रिश्तेदारों के घर छापेमारी किया था हालांकि इस छापेमारी के दौरान क्या मिला यह सार्वजनिक आज तक नहीं किया गया है। जानकारी के मुताबिक माओवादीओं के इस्टर्न रीजनल ब्यूरो का हेड क्वार्टर कहे जाने वाले झारखंड के सारंडा के जंगल में पुलिस द्वारा दबिश देने के बाद वहां से प्रमोद मिश्रा के द्वारा चकमा देकर भागने की भनक पुलिस को लग गई थी। इसके बाद झारखंड पुलिस इन्हें गिरफ्तार करने के लिए काफी हाथ-पांव मार रही थी। झारखंड पुलिस प्रमोद मिश्रा के गिरफ्तारी के लिए कितनी गंभीर थी, इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि पुलिस ने इनको गिरफ्तार करने के लिए 1करोड़ के इनाम का प्रस्ताव सरकार को भेज रखा था। प्रमोद मिश्रा नक्सली संगठन भाकपा माओवादी(एम सी सी)के शीर्ष नेता में शुमार किए जाते हैं। इनके उपर बिहार, पं बंगाल, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ, झारखंड में नक्सली वारदातों में दर्जनों मामले दर्ज हैं। इसके साथ हीं शहरी क्षेत्रों दिल्ली, पंजाब, हरियाणा सहित कई राज्यों में संगठन के विस्तार में अहम योगदान रहा है। पुलिस के अनुसार गया जिले के टिकारी क्षेत्र में वो कई दिनों से संगठन के विस्तार में लगे हुए थे। पुलिस को आशंका है कि ये कुछ बड़े कार्य करने के फिराक में थे।