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करीमगंज 10 अगस्त: नेहरू युवा केंद्र के प्रतिनिधि देश की आजादी के 75वें वर्ष के समापन समारोह का संदेश सीमावर्ती जिले करीमगंज के प्रत्येक ग्राम पंचायत तक पहुंचा रहे हैं। जिन क्षेत्रों में स्वतंत्रता सेनानियों के परिवार हैं, उनके घर से मिट्टी व जल संग्रह कर दिल्ली ले जाया रहा हे। और मेघा वृक्षारोपण परियोजना शुरू की गई है। देश के लिए पांच संकल्प 2047 तक भारत को आत्मनिर्भर और विकसित राष्ट्र बनाने के सपने को साकार करना व मन से दासता की भावना को दूर रखना। देश की समृद्ध विरासत पर गर्व करना। देश की एकता की डोर को मजबूत करना और देश की रक्षा में लगे लोगों का सम्मान करना। साथ ही नागरिक के रूप में अपने कर्तव्यों को पूरा करने की शपथ ग्रहण साथ ही
“मेरी माटी मेरा देश” “बीरो का बंदन” का संदेश देश के सामने रखते हुए सीमावर्ती जिले करीमगंज में विभिन्न गतिविधियां शुरू की गई हैं। भारत सरकार के खेल एवं युवा कल्याण मंत्रालय के आमंत्रण पर नेहरू युवा केंद्र करीमगंज एवं खुशी स्मृति संस्थान के प्रबंधन में 9 अगस्त से 20 अगस्त तक विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये गये हैं.
लातूर सिपाही विद्रोह की रणभूमि मालेगढ़ में आज “भारत छोड़ो आंदोलन” के अवसर पर शहीद बेदी को श्रद्धांजलि दी गई, मेघा वृक्षारोपण, देशभक्ति गीत, शपथ ग्रहण किया गया।
इस संदर्भ में नेहरू युवा केंद्र के उपनिदेशक महबुर आलम लश्कर ने कहा, आजादी का यह माह विभिन्न एजेंडे लेकर आया है. आजादी के 75वें वर्ष के अवसर पर जिले के विभिन्न सामाजिक, सांस्कृतिक एवं खेल संगठनों के सहयोग से प्रत्येक ग्राम पंचायत में स्वतंत्रता सेनानियों के घरों से जल व मिट्टी संग्रह कर प्रत्येक परिवार के प्रति सम्मान प्रकट करते हुए वृक्षारोपण किया गया। एकत्रित जल और मिट्टी को दिल्ली भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि हर एजेंडे को सफल बनाने के लिए सामाजिक व सांस्कृतिक संगठनों के साथ आम लोगों को भी आगे आने का आह्वान किया. कार्यक्रम के आयोजक संस्था की ओर से अरूप रॉय ने बताया कि स्वतंत्रता सेनानियों के घरों से जल मिट्टी संग्रह कर वृक्षारोपण करने के कार्यक्रम के अलावा सीमा सहित विभिन्न स्थानों पर दस स्वतंत्रता सेनानियों एवं शहीदों के परिजनों को सम्मानित किया जायेगा। साथ ही इस अवसर पर देशभक्ति सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया जायेगा.
मालेगढ़ में आज के कार्यक्रम में नेहरू युवा केंद्र की ओर से देवब्रत दास, परोपकारी देबाशीष देव, संगीत गुरु सुब्रत खजांची, पूर्व एनवाईएस पार्थ दास, पत्रकार सुजॉय श्याम, परोपकारी कलाकार चक्रवर्ती, अर्नदीप रॉय उपस्थित थे। संगीत कलाकारों में काकली देव भट्टाचार्य, श्रावणी पाल, श्यामा दास धर, सुष्मिता चक्रवर्ती और भारत माता के रूप में वर्षा देव शामिल थीं।