सरकार द्वारा आंगनबाड़ी कर्मियों से जमकर कम लिए जाने और बदले में पर्याप्त सुविधा न मिलने से बड़जालंगा ब्लॉक की आंगनवाड़ी कर्मियों में गहरा क्षोभ व्याप्त है। कुछ आंगनवाड़ी कर्मियों से बातचीत के दौरान उन्होंने अपना क्षोभ व्यक्त करते हुए बताया कि उनसे जमकर परिश्रम कराया जाता है और वेतन मात्र ₹6000 मिलता है। इस महंगाई के जमाने में ₹6000 में घर चलाना बहुत मुश्किल काम है। एक सहायता ने बातचीत में बताया कि शिशु विकास प्रकल्प के तहत उनका काम बच्चों का विकास करवाना है। किंतु उनसे बीएलओ का काम, आयुष्मान कार्ड बनाने का काम, पर्सन ट्रैकर जैसे कम सुबह 8:00 बजे से 12:00 बजे तक कराया जाता है। ऊपर से सेंटर तक नहीं है, पहले था वह भी टूट गया। इधर-उधर किसी के घर में आंगनवाड़ी केंद्र चलता है, रूम का किराया भी नहीं मिलता। हम लोग स्वयं इकट्ठा करके किराया देते हैं। सेंशस में भी खूब परिश्रम कराया गया, कोई कोई भी डॉक्यूमेंट लेना है टू डोर टू डोर जाकर आंगनबाड़ी से संग्रह करवाया जाता है। जागरूकता कार्यक्रम भी आंगनबाड़ी कर्मियों के द्वारा होता है। इतना सब काम करने के बाद वेतन के नाम पर मात्र ₹6000/- दिया जाता है। आंगनवाड़ी कर्मियों की मांग है कि सहायिका को 15000/- और सेविकाओं को ₹10000/- मासिक वेतन असम सरकार प्रदान करें। इसके अलावा आंगनवाडी के सभी हेल्पर को अरुणोदय योजना का लाभ मिले। सभी को परमानेंट स्केल प्रदान किया जाए, पीएफ और पेंशन की भी व्यवस्था की जाए। आंगनबाड़ी कर्मियों के तरफ से बातचीत करते हुए श्रीमती उमा नूनिया, बसंती झा, उषा कुर्मी, रंजीता चौहान, अंजलि दास, सुमन देव, रोशन आरा बेगम, माधवी नुनिया, राजकुमारी पाठक, मंजू लोहार, सुनंदा दास ने असम सरकार से उपरोक्त बातों पर ध्यान देकर विचार करने की मांग की है। उन्होंने आशा व्यक्त किया है कि सरकार आंगनबाड़ी कर्मियों की तकलीफ समझते हुए जल्द से जल्द उचित कार्रवाई करेगी।
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- Admin
- August 12, 2023
- 9:00 am
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बड़जालंगा ब्लॉक की आंगनवाड़ी कर्मियों में सरकार की उदासीनता से गहरा क्षोभ
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