शिमला. हिमाचल के कांगड़ा में एयरफोर्स लोगों को हेलिकॉप्टर की मदद से रेस्क्यू कर रही है. 15 और 16 अगस्त को एयरफोर्स ने 780 लोगों को एयरलिफ्ट किया है. उधर, उत्तराखंड स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट डिपार्टमेंट का कहना है कि राज्य में इस सीजन में अब तक 650 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ है.
इन दिनों मानसून ब्रेक के चलते देश के कई हिस्सों में सूखे जैसे हालात हैं, लेकिन हिमाचल और उत्तराखंड में भारी बारिश हो रही है. जुलाई और अगस्त सबसे ज्यादा बारिश वाले महीने हैं. इनमें मानसूनी ब्रेक आता है तो बादल पहाड़ों पर जमा हो जाते हैं और यहीं सबसे ज्यादा बारिश कराते हैं.
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के पूर्व सचिव माधवन राजीवन नैयर के मुताबिक, आमतौर पर मानसूनी ब्रेक एक हफ्ते तक चलता है. इस दौरान मानसूनी बादल रेखा हिमालय को छूते हुए गुजरती है. इस बार 6 अगस्त से अब तक ब्रेक के 11 दिन हो चुके हैं. इस कारण बंगाल की खाड़ी से आने वाली नमी और बादल लगातार दोनों राज्यों में जमा होते गए और यहीं बरस गए.
मौसम विभाग की मानें तो अगले 5-7 दिन मानसून ब्रेक जारी रहने के आसार हैं. ऐसा हुआ तो ये 51 साल का सबसे लंबा मानसून ब्रेक हो जाएगा. 1972 में 18 जुलाई से 3 अगस्त तक 17 दिन का सबसे लंबा मानसून ब्रेक रहा था. हालांकि, जुलाई 2002 में 11 व 13 दिन के दो ब्रेक हुए थे, जो एक महीने में 24 दिन के मानसून ब्रेक का रिकॉर्ड है.
स्काईमेट के विज्ञानी महेश पलावत ने बताया कि इस बार उत्तरी हिमालय के तराई के इलाकों में मानसूनी ट्रफ है, पश्चिमी विक्षोभ भी मदद कर रहा है. इसीलिए पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और राजस्थान में पश्चिमी हवाएं चलने से मैदानी इलाकों में बारिश रुक गई है.