शिलचर, 18 फरवरी: दुनिया के सभी जानवर अपने लिए जीते हैं। लेकिन इंसान केवल दूसरों के लिए जीते हैं। हर आत्मा एक ईश्वर के बराबर है। दुनिया में हर किसी को अपने रिश्तेदार के रूप में देखा जाना चाहिए। जो व्यक्ति दूसरों की मदद करता है, वही वास्तविक मनुष्य है। और यह भारतीय संस्कृति-परंपरा है। जिन लोगों की मदद की गई है, वे भाग्यशाली नहीं हैं, जिन्होंने दूसरों की मदद की है, वे वास्तव में भाग्यशाली हैं। प्रख्यात कवि और पत्रकार अतीन दास ने बुधवार को शिलचर के एलोरा हेरिटेज में नॉर्थ ईस्ट इंडिया कोनिस्टिव, स्माइल, नेताजी सुभाष स्मृति मंच द्वारा आयोजित एक समारोह में पांच जरूरतमंद मेधावी छात्रों को वित्तीय सहायता प्रदान की। घनियाला के अफरीन अख्तर लश्कर, सागरिका दास, काजल दास, दिवाकर नमः शुद्र और श्रीकोना के अफजल अहमद को आधिकारिक रूप से चेक सौंपे गए। स्माइल की सभानेत्री स्वर्णाली चौधरी ने सचिव सौमित्र शंकर दत्त द्वारा आयोजित अपने स्वागत भाषण में कहा कि यह पहल इसलिए की गई है ताकि मेधावी छात्रों को शिक्षा के क्षेत्र में बाधा न बने।
वित्तीय अनुदान के साथ पांच मेधावी छात्रों की सहायता की जाएगी। छात्रों को मुख्य रूप से ट्यूशन खर्च के लिए छह महीने के लिए प्रति माह एक हजार रुपये का भुगतान किया जाएगा। प्रख्यात शिक्षाविद् प्रोफेसर पार्थ सारथी चंदा ने कहा कि गरीब मेधावी छात्र कभी भी अपने बारे में नहीं सोचेंगे। हमें हर समय यह सोचना होगा कि समाज हमारे साथ है, कोई अकेला नहीं।
इसके अलावा, यह मत सोचो कि सरकार सब कुछ करेगी। इच्छा शक्ति होने पर लोग जीवन में आगे बढ़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने मदद की, उन्हें अपने माता-पिता के बराबर माना जाना चाहिए। जीवन में सिर्फ एक गुरु नहीं है। जीवन को बहुतों की मदद से आगे बढ़ना चाहिए। इस अवसर पर शंकर दास और जयजीत विश्वास, नेताजी सुभाष स्मृति मंच के पदाधिकारी, माधव दास, हिंदू युवा छात्र परिषद के महासचिव और एनआईटी के विद्वान मयांग शेखर ने भी वक्तव्य प्रस्तुत किया।