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छात्र-छात्राओं ने किया वृक्षाबंधन, लिया पौधों के संरक्षण और संवर्धन का संकल्प

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30HREG123 छात्र-छात्राओं ने किया वृक्षाबंधन, लिया पौधों के संरक्षण और संवर्धन का संकल्प
बेगूसराय, 30 अगस्त (हि.स.)। भाई द्वारा बहन की रक्षा के संकल्प पर्व रक्षाबंधन की हर ओर धूम मची हुई है। लेकिन बेगूसराय में बहनें सिर्फ भाई को ही राखी नहीं बांधती है। बल्कि बढ़ते पर्यावरण संकट के मद्देनजर पेड़-पौधों के संरक्षण के लिए भाई और बहन सब मिलकर पौधों को राखी बांधते हैं।

विभिन्न जगहों पर यह कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। इसी कड़ी में बुधवार को भारद्वाज गुरुकुल में सभी छात्र-छात्रा एवं शिक्षकों ने परिसर में लगे सैकड़ों पौधों में रक्षा सूत्र बांधकर उनके संरक्षण और संवर्धन का संकल्प लिया। रक्षा सूत्र बांधते हुए छात्र-छात्राओं ने कहा कि आज पूरा विश्व पर्यावरण संकट के दौर से गुजर रहा है।

ऐसे में हम सबों को उसके संरक्षण का संकल्प लेना चाहिए। पर्यावरण प्रदूषण को कम करने का सबसे बेहतर उपाय है पौधारोपण तथा पौधे का संरक्षण और संवर्धन। हम सबने आज पौधों में रक्षा सूत्र बांधकर इसका निश्चय किया है। हर वर्ष भारद्वाज गुरुकुल के बच्चे एवं शिक्षक रक्षा बंधन के एक दिन पूर्व पेड़-पौधों में रक्षा सूत्र बांध कर उसके रक्षा की कोशिश उससे भावनात्मक रूप से जुड़ते हैं।

भारद्वाज गुरुकुल के निदेशक शिवप्रकाश भारद्वाज ने बताया कि 2012 से शुरू हुए इस उत्सव का फल यह है कि आज विद्यालय परिसर में हजारों पेड़-पौधे सैकड़ों मानव के जीवन को सुंदर बनाए हुए हैं। रक्षा बंधन के दिन राखी बांधकर बहन भाई के रिश्ते को समृद्ध करते हैं। नतीजा यह होता है कि भावनात्मक रूप से भाई-बहन एक-दूसरे के सुख-दुख में साथ रहते हैं।

पेड़-पौधों के प्रति भावनात्मक लगाव होने के बाद मानव उसकी हर हाल में सुरक्षा करता है, जैसे वह अपने बहनों की करता है। विद्यालय सिर्फ किताब को पढ़ने-पढ़ाने का स्थल नहीं है। सैकड़ों बच्चों के द्वारा एक साथ पर्यावरण को बचाने का संकल्प स्थल भी है। देश का हर बड़ा शैक्षणिक संस्थान हरे भरे माहौल में चल रहे हैं। ऑक्सीजन समृद्ध क्षेत्र में सोचने समझने की क्षमता बढ़ जाती है।

इससे मन शांत रहता है और ज्ञान का सृजन एवं विस्तार आसान हो जाता है। विद्यालय परिसर में मूल्यों की पढ़ाई में पर्यावरण सबसे ऊपर स्थान रखता है। हजारों पेड़ पौधों को अपना मित्र एवं रक्षक मानने वाले बच्चे सदा अपनी मातृभूमि को हरा भरा बनाए रखें, यही कामना रहती है। वृक्षाबंधन के अगले दिन त्योहार के कारण हॉस्टल के बहुत सारे बच्चे घर जा चुके होते हैं। फिर भी असेंबली में कहे गए बात उनको सोचने पर विवश करते हैं।

हम पर्यावरण संरक्षण के लिए ना सिर्फ वृक्षाबंधन मनाते हैं। बल्कि बच्चों को अपने घर जाकर परिजनों को पौधा लगाने तथा उनके संरक्षण के लिए प्रेरित करें। कोई भी पर्व, त्योहार या उत्सव हो, उसमें हम पौधा लगाएं। ना सिर्फ पौध लगाएं, बल्कि उसके संरक्षण और संवर्धन के लिए भी हमेशा तत्पर रहें, दूसरों को भी जागरुक करते रहें।

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