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विधानसभा में बराक घाटी से चाय बागानों का कोई प्रतिनिधि नहीं होने से समस्याओं का समाधान नहीं हो रहा

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चंद्र शेखर ग्वाला, २ सितंबर : असम विधानसभा में बराक घाटी से चाय बागानों का कोई प्रतिनिधि नहीं होने से समस्याओं का समाधान नहीं हो पा रहा। बराक टी-यूथ वेलफेयर एसोसिएशन की हैप्पी वैली सर्कल की साधारण सभा बुधवार को अरुणाबंद चाय बागान नाचघर में आयोजित की गई । बैठक की अध्यक्षता  प्रदीप कुर्मी ने किया। हैप्पी वैली सर्कल द्वारा आमंत्रित मेहमानों का अंगवस्त्र प्रदान कर स्वागत किया गया। दो सौ से अधिक युवाओं की मौजूदगी में बैठक की शुरुआत स्थानीय कलाकारों की झुमुर नृत्य प्रस्तुति से हुई । केंद्रीय कमेटी के महासचिव सुरजीत कर्मकार ने बैठक का उद्देश्य बताया उन्होंने कहा कि बराक चाय-युवा कल्याण संघ का वार्षिक अधिवेशन २२ व २३ सितंबर को दुर्गाकोना चाय बगान नाचघर में आयोजन किया जाएगा,अतः केंद्र से प्रत्येक वृत्त के पहले समिति के कार्यकारी सदस्यों के चुनाव के लिए एक सार्वजनिक बैठक आयोजित की जा रही है। सर्वसम्मति के आधार पर हैप्पी वैली सर्कल से भी १० सदस्यों का चयन किया जाएगा। बैठक में हैप्पी वैली सर्कल के अंतर्गत ३८ चाय बागानों के युवा प्रतिनिधियों को शामिल किया जाएगा।
बैठक में लालन प्रसाद ग्वाला ने अपने बक्तब्य में चाय-यूथ वेलफेयर एसोसिएशन के संदर्भ पर प्रकाश डालते हुए  कहा कि २०१४ में श्रमिक नेता और पूर्व मंत्री दिनेश प्रसाद ग्वाला के निधन के बाद से चाय बागान क्षेत्र में एक बड़ा राजनीतिक शून्यता आ गया है। असम विधान सभा में बराक घाटी चाय समुदाय का कोई प्रतिनिधित्व नहीं होने से घाटी में चाय बागानों की समस्याओं का पहाड़ बन चुका है। इसलिए, चाय-युवा कल्याण समिति को पुनर्गठित और मजबूत करके 1983 की पुनरावृत्ति होनी चाहिए। लालनप्रसाद ने यह भी कहा कि एक बार बराक घाटी के पाथरकांदी, लखीपुर, राताबारी और उधारबंद विधानसभा क्षेत्रों से चाय समुदाय के ४ प्रतिनिधि चुने गए और विधानसभा में प्रतिनिधित्व किया गया। लेकिन अब विभिन्न कारणों से चाय श्रमिकों के अलग हो जाने से ये सीटें चली गयी हैं। वर्तमान सामाजिक व्यवस्था में राजनीतिक शक्ति किसी भी समाज के आमूल-चूल परिवर्तन में प्रमुख भूमिका निभाती है। उन्होंने कहा, ‘हालांकि चा-यूथ एसोसिएशन का कोई राजनीतिक उद्देश्य नहीं है, लेकिन मुझे यह कहने पर मजबूर होना पड़ रहा है कि अगर सभी एकजुट होंगे तो हम आत्मसम्मान के साथ राजनीतिक क्षेत्र में वापसी कर सकेंगे। चाय युवा कल्याण संघ के पुनर्गठन के बाद यह चाय बागानों की विभिन्न समस्याओं से निपटेगा। यह आश्वासन लालनप्रसाद ने बैठक में उपस्थित युवाओं को दिया। इस दिन के सभा में सभी वक्ताओं ने स्वर्गीय मंत्री दिनेश प्रसाद ग्वाला का चाय बागान क्षेत्र में अवदान का उल्लेख करते हुए कहा कि, उनकी निधन के पश्चात बराक घाटी के चाय बगान इलाके के लोग अभिभावक विहीन हो गए है, तथा उस अपुरणीय क्षति को पूरा नहीं किया जा सकता है। उन वक्ताओं के अनुसार स्वर्गीय दिनेश प्रसाद ग्वाला, चाय बागान के सार्विक विकास के लिए हर संभव प्रयास कर रहे थे। बैठक को अन्य लोगों में विशुद्धानंद महतो, श्यौसागर गौड़, चौधुरी चरण गौड़, प्रदीप तांती, दुलन री, विश्वजीत कोईरी, गोलक ग्वाला, रतन कंहार आदि ने संबोधित किया। देवाशीष कानू, श्रीप्रसाद भर, राम सिंहासन ग्वाला और पल्लब सिंह यादव भी मौजूद थे। बैठक में धन्यवाद ज्ञापन प्रदीप तांती ने किया। फिर बैठक में सर्वसम्मति के आधार पर १० लोगों को चाय-युवा कल्याण संघ के कार्यकारिणी सदस्य के रूप में मनोनीत किया गया।

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