गुवाहाटी, 3 सितंबर (हि.स.)। असम के (मूल निवासी) खिलंजिया लोगों ने पहले ही कांग्रेस पार्टी को खारिज कर दिया है। हाल के दिनों में बागानों में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को रोक दिया गया। कड़ी मेहनत करके जीवनयापन करने वाले चाय बागान श्रमिकों ने पिछले सात दशकों में शोषण उत्पीड़न के लिए कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व को जिम्मेदार ठहराया है। कार्यकर्ताओं के सवालों का जवाब देने में असमर्थ, राज्य कांग्रेस नेता को बागान की बैठक से बाहर जाते हुए देखा गया। भाजपा प्रवक्ता रंजीव कुमार शर्मा ने भाजपा के असम प्रदेश पार्टी मुख्यालय अटल बिहारी वाजपेयी भवन से मीडिया को भेजे एक बयान में यह टिप्पणी की।
शर्मा के अनुसार, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेन बोरा ने अपने ही गृह निर्वाचन क्षेत्र से एक पंचायत सदस्य को भी जीत दिलाने की संगठनात्मक क्षमता खो दी है।
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि पंचायत चुनाव में एक भी सदस्य नहीं जीत पाने वाले कांग्रेस अध्यक्ष आगामी लोकसभा चुनाव में सांसद जिताने की कल्पना करते हैं। वर्तमान में कांग्रेस के पास कोई राजनीतिक इच्छाशक्ति नहीं है। यही कारण है कि पार्टी के नेता समय-समय पर राजनीतिक व्यंग्य में बात करने लगे हैं जो सामाजिक जीवन के अनुरूप नहीं है। शर्मा ने कहा कि प्रदेश के प्रमुख विपक्षी दलों का ऐसा व्यवहार वास्तव में चिंताजनक है।




















