नई दिल्ली: चंद्रयान-3 मिशन को लेकर बड़ा अपडेट आया है। भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने बताया है कि शुक्रवार को उसने विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर के साथ संचार स्थापित करने की कोशिश की। इसका मकसद उनकी जागने की स्थिति का पता लगाना है। फिलहाल, उनकी ओर से कोई सिग्नल नहीं मिले हैं। संपर्क स्थापित करने के प्रयास जारी हैं।
इसके पहले इसरो (स्पेस एप्लीकेशन सेंटर) के डायरेक्टर निलेश देसाई ने कहा कि चंद्रमा पर सूर्य उग चुका है। पहले प्लान यह था कि शुक्रवार को लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान को रिऐक्टिवेट किया जाएगा। लेकिन, कुछ कारणों से इस योजना को टाल दिया गया है। इसके लिए 23 सितंबर को प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने अपने बयान में इस बात का कोई जिक्र नहीं किया कि इसरो ने संपर्क स्थापित करने का प्रयास किया है।
चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग के बाद चंद्रयान-3 के लैंडर विक्रम और प्रज्ञान रोवर ने चांद पर पूरा एक दिन बिताया. इस दौरान विक्रम और प्रज्ञान के साथ गए पेलोड ने इसरो तक चांद की सतह के बारे में कई जानकारियां भेजीं. ISRO वैज्ञानिकों के मुताबिक चंद्रयान-3 मिशन का उद्देश्य पूरा हो चुका है. अब कोशिश ये है कि विक्रम और प्रज्ञान को एक बार फिर जगाकर अतिरिक्त जानकारियां जुटाई जाएं, जिससे आने वाले चंद्र मिशनों में लाभ मिले. हालांकि अभी ये कोशिश सफल होते नहीं दिख रही है.
प्लान के अनुसार, 22 सितंबर शाम को लैंडर और रोवर को दोबारा ऐक्टिवेट किया जाना था। भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ने ने 4 सितंबर को इन्हें स्लीप मोड में डाला था। इसरो ने एक्स पर पोस्ट करके बताया, ‘विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर के साथ संचार स्थापित करने के प्रयास किए गए हैं ताकि उनकी जागने की स्थिति का पता लगाया जा सके। फिलहाल उनकी ओर से कोई सिग्नल नहीं मिले हैं। संपर्क स्थापित करने के प्रयास जारी रहेंगे।’