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अभिषेक सिंघा, गोलाघाट: कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन एजेंसी (आत्मा-गोलाघाट) की ओर से सरूपथार विकास खंड के चुंगाजन गांव में जिला- स्तरीय तकनीकी प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। गोलाघाट जिला कृषि कार्यालय के कार्यक्रम अधिकारी डॉ. अमरजीत सैकिया, ब्लॉक प्रौद्योगिकी प्रबंधक अंकुरज्योति सरमा, सरूपाथर ब्लॉक के पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ उपासना बरुआ और सरूपाथर विकास खंड के सहायक प्रौद्योगिकी प्रबंधक डॉ. सुधांशु बिमल पाठक तकनीकी प्रशिक्षण में संसाधन व्यक्ति के रूप में भाग लिया।
जिला कृषि कार्यालय के कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. अमरजीत सैकिया ने रबी सब्जियों के वैज्ञानिक कीट एवं रोग प्रबंधन पर बात की। उन्होंने सब्जियों में विभिन्न प्रकार के कीड़ों और कीटों को नियंत्रित करने में जैव एजेंटों के महत्व पर किसानों को संबोधित किया। उन्होंने फेरोमोन ट्रैप, पीला चिपचिपा ट्रैप (Yellow sticky trap), ट्राइको कार्ड आदि के उपयोग और हानिकारक कीड़ों और कीटों को नियंत्रित करने में उनके महत्व के बारे में भी बताया। डॉ. सैकिया ने किसान समुदाय के लिए राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई विभिन्न योजनाओं पर भी चर्चा की।
प्रशिक्षण में सरूपथार ब्लॉक के पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ उपासना बरुआ ने सभी किसानों और कृषक महिलाओं का स्वागत किया और कृषक समुदाय से उनके पाले हुए जानवर को नियमित स्वास्थ्य सेवाएं देने को उन्होंने सलाह दी। उन्होंने कृषक समुदाय के बीच पशु और मुर्गियों की विभिन्न बीमारियों और उनके वैज्ञानिक उपचार के बारे में जागरूकता पैदा की। डॉ बरुआ ने मानव और पशुधन दोनों में एंटीबायोटिक और एंटी-माइक्रोबियल का अत्यधिक उपयोग के प्रतिकूल प्रभाव के बारे में भी विस्तार से बताया। ब्लॉक प्रौद्योगिकी प्रबंधक अंकुरज्योति सरमा ने कृषि क्षेत्रों में व्यापक रूप से उपयोग किए जाने वाले प्रतिबंधित कीटनाशकों और कवकनाशी और इसकी वैकल्पिक उपलब्धता पर उन्होंने किसानों को समझाया। उन्होंने प्रतिभागियों को धान-कीट प्रबंधन (Rice-pest Management) के विभिन्न पहलुओं के बारे में जानकारी दी। सरूपथार विकास खंड के सहायक प्रौद्योगिकी प्रबंधक डॉ. सुधांशु बिमल पाठक ने ‘कृषि महिलाओं की आजीविका सुरक्षा में सुधार के लिए बकरी पालन’ विषय पर संबोधित किया।