नलबारीस्थित कुमार भास्कर वर्मा संस्कृत एवं पुरातनाध्ययन विश्वविद्यालय के महिला मञ्च तथा आन्तरिक गुणवत्ता आश्वासन केन्द्र के संयुक्त तत्त्वावधान में दिनांक 05 अक्टूबर, 2023 को “लिङ्ग एवं लैङ्गिकता की समस्याएं” विषय पर एकदिवसीय व्याख्यान आयोजित किया गया। व्याख्यान कार्यक्रम वैदिक मंगलाचरण के साथ आरम्भ हुआ। सभागार में उपस्थित जनसमुदाय एवं अतिथियों का स्वागत महिला मञ्च की अध्यक्षा डॉ. कृष्णा कलिता ने की। तदनन्तर आमन्त्रित अतिथि का सम्मान अङ्गवस्त्र एवं सराई प्रदान कर किया गया। व्याख्यान कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए कुलपति प्रोफेसर प्रह्लाद रा. जोशी ने अपने वक्तव्य में मनुस्मृति आदि ग्रन्थों में नारी के विषय में प्राप्त तथ्यों तथा वैदिक कालीन युग की विदुषी गार्गी आदि का उल्लेख करते हुए प्राचीन समय से ही महिलाओं को वेदादि शास्त्र पढने का अधिकार होने की बात कही।

आन्तरिक गुणवत्ता आश्वासन केन्द्र के निर्देशक डॉ. चिरञ्जीवी अधिकारी ने लिङ्ग संवेदीकरण पर व्याख्यान कार्यक्रम आयोजन करने का उद्देश्य विश्वविद्यालयों में लिङ्ग संवेदीकरण पर जागरूकता लाना बताया। कुलसचिव(प्र.) डॉ. मदन चन्द्र बोरो ने अपने उद्बोधन में कार्यक्रम की सार्थकता को प्रतिपादन किए। मुख्य वक्त्री के रूप में आमन्त्रित अकाम फाउण्डेशन की संस्थापक निर्देशिका एवं राज्य ट्रान्जेण्डर कल्याण बोर्ड, असम की सह उपाध्यक्ष रितुपर्णा नेऊग ने अपने लगभग डेढ घण्टे के धाराप्रवाह उद्बोधन में सरलतम प्रक्रिया से अपने जीवन के विभिन्न पर्यायों में घटित अनेक घटनाओं का स्मरण करते हुए वर्तमान समाज में व्याप्त लिङ्ग एवं लैंगिक समस्याओं को नारी सबलीकरण के माध्यम से दूर करने पर जोर दिया। उन्होंने अपने उद्बोधन के अनन्तर छात्रों के साथ मत विनमय कर कार्यक्रम को और रोचक बना दिया। कार्यक्रम के अन्त में अतिथियों द्वारा निबन्धलेखन प्रतियोगिता में विजयी प्रतिभागियों को पुरस्कार प्रदान कर उत्साहवर्धन किया गया। कार्यक्रम का सफल सञ्चालन महिला मञ्च की सदस्या डॉ. अंकुमणि दास ने की तथा समागतों का धन्यवाद ज्ञापन डॉ. अर्चना देवी ने की। कार्यक्रम में परीक्षानियन्त्रक(प्र.) डॉ. रणजीत कुमार तिवारी, विश्वविद्यालय के अध्यापक-अध्यापिकाएं, छात्र-छात्राएं, कर्मचारी आदि उपस्थित रहे।





















