बेगूसराय, 08 अक्टूबर (हि.स.)। किसानों को कम खर्च में खेती करवा उनके आर्थिक उन्नति के लिए सरकार कई स्तर पर प्रयास कर रही है। इसी के तहत प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना शुरू किया गया। बिहार सरकार ने अलग कृषि फीडर बनाकर किसानों के खेत तक बिजली पहुंचाने का प्रयास किया।
जिससे न्यूनतम खर्च में सिंचाई की सेवा उपलब्ध हो। लेकिन बिजली विभाग के एजेंसियां के लिए किसान कामधेनु बन गए हैं। खेत पर जाकर मीटर रीडिंग करने के बदले घर बैठे रीडिंग का चार्ट तैयार करने से लाइन कटवा दिए गए उपभोक्ताओं को भी हजारों-हजार का बिजली बिल आ रहा है। इससे किसान परेशान हैं।
ताजा मामला छौड़ाही प्रखंड के एकंबा पंचायत स्थित काबर बहियार परिक्षेत्र का है। जहां कि लाइन कटवा चुके उपभोक्ता को तीन हजार से अधिक का बिल भेज दिया गया है। 31 अक्टूबर तक जमा नहीं करने पर उन्हें जुर्माना भी किया जाएगा। किसान अनीश कुमार ने बताया कि थ्री फेज एग्रीकल्चर मीटर प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत काबर बहियार में लगा हुआ है।
इस मीटर का सारा सिस्टम छोटे से 35 स्क्वायर फीट के कमरे में बंद है। इसमें बिजली मिसयूज की भी कहीं से कोई गुंजाइश नहीं है। बिजली विभाग के कर्मियों द्वारा पिछले तीन महीना से इसका लाइन काट कर छोड़ा गया है। इस एग्रीकल्चर मीटर के यूनिट रीडिंग को मनमाने तरीके से तैयार कर दिया जा रहा है।
सितम्बर महीना में बारिश अपना रिकॉर्ड बनाया, जिस प्लॉट पर एग्रीकल्चर बिजली कनेक्शन है उस प्लॉट पर तीन एकड़ में गन्ना लगा हुआ है और तीन एकड़ प्लाट विगत छह महीने से खाली पड़ा हुआ है। लेकिन सितम्बर माह का रीडिंग 3720 यूनिट एवं अक्टूबर माह में 751 यूनिट, कुल मिलाकर 4471 यूनिट बिजली दर्ज किया गया है।
जबकि, यहां तो सर्वाधिक बारिश के कारण गन्ने का फसल खराब हो रहा है, ऐसे में किसान अपने खेतों में पानी पटा कर अपने फसल को चौपट करेंगे। बिजली विभाग के लापरवाह कर्मियों से उपभोक्ता इतने परेशान हो गए हैं कि उन्हें अपना कनेक्शन कटवाने पर मजबूर किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि यह तो एक कनेक्शन का मामला है, सही जांच हो तो और बड़े खुलासे हो सकते हैं।