लखनऊ. उत्तर प्रदेश में रविवार को खेत की जुताई के दौरान प्राचीन मूर्ति निकली. दरअसल मुरादाबाद में बिलारी तहसील क्षेत्र के गांव सरथल खेड़ा में रविवार को एक किसान अपने खेत की जुताई कर रहा था. जुताई के दौरान उसे खेत में प्राचीन मूर्ति जैसा दिखाई पड़ा, युवक को मूर्ति को बाहर निकालकर साफ किया और इसकी सूचना ग्रामीणों को दी. बुजुर्ग ग्रामीण इसे भगवान शिव के परिवार की प्राचीन मूर्ति बता रहे हैं. जिसके बाद खेत मालिक मूर्ति को लेकर घर चला गया. मूर्ति मिलने की खबर पर एसडीएम राज बहादुर सिंह ने बताया कि मूर्ति को कब्जे में लेकर उसके पुरातात्विक महत्व का पता लगाया जाएगा.
बिलारी तहसील के गांव सरथल खेड़ा गांव में पुरातत्व विभाग के कब्जे वाली जमीन के पास ही गांव के ही रमेश पाल का खेत है. रमेश खेत में जुताई कर रहा था. जुताई के दौरान पत्थरनुमा वस्तु हैरो से टकराकर टूट गई. रमेश ने मूर्ति को पत्थर समझकर दोनों टुकड़ों को खेत की मेढ़ पर फेंक दिया. इस दौरान गांव का एक युवक धर्मवीर की नजर उस पत्थर पड़ी, विचित्र आकृति का पत्थर देखकर वह रुक गया. उसने पत्थर के दोनों टुकड़ों को साफ करके जोड़ा तो वह भगवान शंकर के परिवार की मूर्ति नजर आई. ग्रामीणों का कहना है कि यह मूर्ति पुराने समय की है.
पहले भी मिली हैं पुरातात्विक वस्तुएं
सरथल खेड़ा गांव में पहले भी पुरातात्विक महत्व की प्राचीन वस्तुएं निकलती रही हैं. जिसकी वजह से पुरातत्व विभाग सरथल खेड़ा में करीब 35 बीघा की जमीन अपने कब्जे में ले रही है. यहां 10 फुट ऊंचा टीला है. इस टीले की खुदाई के दौरान पहले भी पुरातात्विक महत्व की कई वस्तुएं मिलती रही हैं.
कबूलपुर गांव में 400 वर्ष पुरानी मूर्ति मिली थी
इससे पहले कबूलपुर गांव में भी 400 वर्ष पुरानी भगवान की प्रतिमा मिली थी. जानकारी के मुताबिक पुरातत्व विभाग ने बताया कि भगवान दास के खेत पर मकान का निर्माण कार्य चल रहा था. तभी एक पत्थर का टुकड़ा बुल्डोजर से टकरा गया. वहां खड़े भगवान दास और परिवार के अन्य लोगों ने पत्थर को निकाला तो यह एक पत्थर की प्राचीन प्रतिमा थी. जिसकी जानकारी गांव के अन्य लोगों को हुई तो धीरे-धीरे भीड़ जुट गई. भगवान सिंह के खेत में बन रहे घर पर लोग पहुंच गए. प्रतिमा के पास ग्रामीणों ने आरती , भजन कीर्तन शुरू कर दिया. काफी महीनो तक गांव में प्रतिमा कौतुहल का विषय बनी रही.