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असम में हिंदी को प्राथमिक स्तर, उच्च माध्यमिक, महाविद्यालय, विश्वविद्यालय में हिंदी मे पढ़ने का अवसर देना चाहिए ।राष्ट्रीय स्तर पर असम अपना स्थान बनाने के साथ भारत के संविधान का सम्मान होते रहेगा।भारत के संबिधान में हिंदी को राजभाषा का गौरव प्राप्त है। भारत के हर नागरिक का कर्तव्य है कि देश के अपने राजभाषा का सम्मान करे। हिंदी विदेशो में भी पढ़ाया जाता है।असम में इसका व्यापकता का लाभ होगा क्योंकि यह देश के जन गण की भाषा है। आज जब हिंदी विश्व का तृतीय स्थान प्राप्त भाषा है। हिंदी भाषा से हमें बिदेशो में भी जाने जाते है।अखिल भारतीय हिंदी महासम्मेलन में सम्मिलित होने से देखा की अहिंदी भाषी हिंदी को अपना रहे है और केंद्र सरकार के कार्यालय और सार्वजनिक उद्यम में हिंदी अधिकारी अनुवाद अधिकारी के रूप में सेवा दे रहे है।हिंदी बिना भारत संस्कृति को जानना नामुमकिन है। भारत के एकता और अखंडता रखने का भाषा है हिंदी।
पृथ्वीराज ग्वाला असम विश्वविद्यालय शिलचर