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पावन दिवस नवरात्रा में माँ तेरा अभिनंदन
छठा दिवस माँ कात्यायनी को करते हम वंदन ,
छटवाँ नवरात्रा माँ कात्यायनी का आया
रूप मनोहर माँ का सबको हैं अति भाया,
सद्भावना से करते जो माँ की आराधना भक्ति
अर्थ, धर्म, काम,मोक्ष की हो जाती सहज प्राप्ति,
कात्य गोत्र में जन्मे एक विश्वप्रसिद्ध महर्षि
दिल से की उपासना नाम था कात्यायन ऋषि ,
प्रसन्न हुई माँ ऋषि कात्यायन के इस अद्भुत तप से,
पुत्री बन स्वयं अम्बे आयी देख कठिन ऋषि संकल्प से ,
शोधकार्य गुण माँ का और माँ अमोघ फलदायिनी
ब्रजमंडल अधिष्ठात्री चमकीली माँ स्वर्णिम मनभावनी ,
सोहे भुजाएं चार अत्यंत भव्य दिव्य भास्वर
अभयमुद्रा में हाथ एक दूसरा देता मुद्रावर,
जय कात्यायनी माँ तेरी छवि लागे अति सुंदर
करो कृपा माँ कात्यायनी आन मेरे संकट हर ।
सुषमा पारख
सिलचर ,असम