791 Views
21 संगठनों के समन्वित मंच राजभाषा हिंदी संयुक्त सुरक्षा समिति की प्रथम बैठक संपन्न
शिलचर, 29 अक्टूबर: आज बराक घाटी के 21 संगठनों के समन्वित मंच राजभाषा हिंदी संयुक्त सुरक्षा समिति की प्रथम बैठक ज्योतिषाचार्य पंडित आनंद शास्त्री की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में असम सरकार को हिंदी बंद करने संबंधित रेजोल्यूशन वापस लेने के लिए धन्यवाद ज्ञापित करने के साथ ही सभी संगठनों ने एक स्वर से तत्काल रिक्त पदों पर हिंदी शिक्षकों की नियुक्ति करने की मांग की। अपने प्रस्ताविक वक्तव्य में हिंदीभाषी समन्वय मंच के महासचिव दिलीप कुमार ने असम सरकार को धन्यवाद ज्ञापन का प्रस्ताव रखते हुए कहा कि असम के हिंदी प्रेमियों की भावना का जिस प्रकार सरकार ने सम्मान किया है, उसी प्रकार राजभाषा हिंदी शिक्षा को जारी रखने के लिए सभी रिक्त पदों पर तत्काल हिंदी शिक्षकों की नियुक्ति करनी चाहिए।
उल्लेखनीय है कि पिछले 17 सितंबर को असम सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा लिए गए एक रेजोल्यूशन,जिसमें हिंदी को बंद करने का निर्णय लिया गया था, इसके ऊपर बराक घाटी सहित असम के राजभाषा हिंदी प्रेमी संगठन क्षुब्ध हो गए थे और एक स्वर से सरकार से यह प्रस्ताव वापस लेने की मांग की थी। सरकार ने भी जन भावना का सम्मान करते हुए पिछले 17 अक्टूबर को अपना रेजोल्यूशन वापस ले लिया था।
आज की बैठक में सर्वसम्मति से प्रस्ताव लिया गया कि सरकार से मांग की जाएगी की पुराने सभी हिंदी माध्यम के विद्यालयों को पुनः हिंदी माध्यम में किया जाए, जहां हिंदी शिक्षक नहीं है, वहां हिंदी शिक्षकों की नियुक्ति की जाए, सभी मॉडल स्कूलों में जल्द से जल्द हिंदी शिक्षक नियुक्त किया जाए, राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप हिंदीभाषी बहुल क्षेत्रों में हिंदी माध्यम के विद्यालय प्रारंभ किए जाएं, चाय बागान क्षेत्र के सभी विद्यालयों में हिंदी शिक्षक नियुक्त किया जाए, हिंदी पाठ्य पुस्तकों की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। उपरोक्त विषयों को लेकर ज्ञापन तैयार करने के लिए 7 सदस्यीय ड्राफ्ट कमेटी का गठन किया गया। ड्राफ्ट कमेटी में आचार्य आनंद शास्त्री, अवधेश कुमार सिंह, दिलीप कुमार, गोलक ग्वाला, सुजीत तिवारी, राजेन कुंवर व राजदीप राय को रखा गया है।
समिति की करीमगंज जिला इकाई गठन करने के लिए गौतम कोईरी, राजदीप राय और सुजीत तिवारी को दायित्व दिया गया है। हाइलाकांदी जिला समिति गठन करने का दायित्व श्यामसुंदर रविदास, चौधरी चरण गोड़ तथा पत्रकार मनोज पांडेय को दिया गया है। अभियान के संचालन के लिए एक 15 सदस्य कोर कमेटी का भी गठन किया गया है।
बैठक में हिंदी शिक्षा के प्रति जागृति लाने और जनगणना में अपनी मातृभाषा हिंदी लिखाने के लिए जागरूकता अभियान चलाने पर जोर दिया गया। बैठक में निर्णय लिया गया कि असम सरकार को जल्दी ही इस संदर्भ में एक ज्ञापन भेजा जाएगा। यदि सरकार ने समिति की मांगे नहीं मानी तो असम के गांव गांव से पूरे देश के सांसदों और उत्तर भारत के विधायकों, सभी राज्यपालों, शिक्षा मंत्री, गृह मंत्री, प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति तक ज्ञापन भेजा जाएगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत विद्यालयों में जो सर्वे चलाया जा रहा है, उसमें हिंदीभाषी अंचल के छात्रों को मातृभाषा हिंदी लिखाने के लिए अपील किया गया।
समिति का उद्देश्य असम के हित में राजभाषा हिंदी की शिक्षा को मजबूत करना है। हिंदीभाषी एवं चाय जन समुदाय मंच के कार्यकारी अध्यक्ष अवधेश कुमार सिंह ने कहा कि लखीपुर के विधायक कौशिक राय के प्रयास से राष्ट्रभाषा विद्यापीठ एम ई स्कूल को अपग्रेड करके हाई स्कूल किया गया है। इस पर सभा में कौशिक राय के प्रति धन्यवाद ज्ञापन प्रस्ताव पारित किया गया।
सभा में मुख्य संयोजक पंडित आनंद शास्त्री, हिंदीभाषी एवं चाय जन समुदाय मंच के अध्यक्ष उदय शंकर गोस्वामी, बराक हिंदी साहित्य समिति के महासचिव दुर्गेश कुर्मी, बराक चाय श्रमिक यूनियन के सचिव रवि नुनिया, हिंदीभाषी समन्वय मंच के अध्यक्ष डॉक्टर बैकुंठ ग्वाला सहित समिति के प्रमुख कार्यकर्ता जुगल किशोर त्रिपाठी, राजन कुंवर, हाइलाकांदी के चौधरी चरण गोड़, उधारबंद के गोलक ग्वाला, करीमगंज के गौतम कोईरी व राजदीप राय तथा काछाड़ के विभिन्न क्षेत्रों से आए राजु वर्मा, चंद्रशेखर ग्वाला, श्रीमती सीमा कुमार, शचि कुमारी, बाबूलाल भुरा, मनोज कुमार साह एवं पृथ्वीराज ग्वाला आदि ने अपने विचार व्यक्त किए।
सभा में उपस्थित अन्य प्रमुख व्यक्तियों में बराक हिंदी साहित्य समिति के अध्यक्ष परमेश्वर लाल काबरा, ईट भट्ठा एसोसिएशन के रामस्वार्थ सिंह, हिंदीभाषी महिला मंच की अध्यक्षा डॉ रीता सिंह, बराक चाय जनजागृति मंच के सुभाष चौहान व चंद्रमा कोईरी, हाइलाकांदी से श्याम सुंदर रविदास, मारवाड़ी युवा मंच के दिनेश सैन, चाय युवा कल्याण समिति के शिवसागर गोड़, एकता मंच के रामनाथ नुनिया, हिंदी शिक्षिका राजकुमारी मिश्रा, चंद्र कुमार ग्वाला, अशोक ग्वाला, श्रीमती सीमा गोस्वामी, श्रीमती सुमन गौड़, सूरज नाथ ग्वाला, अभिनंदता कुमार तथा प्रदीप सिंह आदि शामिल थे।