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पिछले 27 सितंबर को करीमगंज जिले के चांदखीरा चाय बागान के निवासी संघ के वरिष्ठ कार्यकर्ता अजीत कुमार रविदास का 65 वर्ष की उम्र में देहांत हो गया। उच्च रक्तचाप से पीड़ित अजीतदा को ब्रेन स्ट्रोक होने पर शिलचर हॉस्पिटल में भर्ती किया गया किंतु डॉक्टर ने जवाब दे दिया और वापस घर ले जाते समय रास्ते में ही उनकी आत्मा परमात्मा में विलीन हो गई।
यह शोक संवाद देवनारायण हजाम जी और पूर्णिमा रविदास के माध्यम से मिला तो मैं स्तब्ध रह गया। मधुरभाषी, हंसमुख, व्यवहार कुशल अजीत रविदास अपने पीछे पत्नी, तीन बेटियां, दो भाई, एक बहन और भतीजा-भतीजी सहित भारत पूरा परिवार छोड़ गए हैं। मुझे याद है मैं 95-96 में संघ प्रचारक के नाते चांदखीरा गया था, उनके साथ तीनोंखाल स्वर्गीय वीर मंगल सिन्हा जी के घर गया था। उस समय पाथरकांदी एरिया में संघ के गिने-चुने ही कार्यकर्ता थे, उनमें प्रमुख थे अजीतदा।
संघ से जुड़ा हुआ जब भी कोई कार्यक्रम हो अजीतदा अग्रणी भूमिका निभाते थे। तब श्री शिवव्रत शर्मा चौधरी, श्री दासी ग्वाला व उत्तम रिकियासन आदि सक्रिय कार्यकर्ता थे। अजीत रविदास के माध्यम से ही लोहाइपुआ प्रखंड में एकल विद्यालय योजना का भी शुभारंभ हुआ था। जब भी संगठन का कोई कार्यक्रम हो अपना काम धाम छोड़कर सहयोग करते थे। सदैव हंसते मुस्कुराते मिलते थे।
पाथरकांदी से अयोध्या कारसेवा में जाने वाले वे पहले कारसेवक थे। भारतीय चाय मजदूर संघ का भी पाथरकांदी एरिया में उन्होंने काम शुरू किया था। अजीतदा का यूं चले जाना, हम सभी के लिए भारी क्षति है, उनकी जगह लेने वाला और दूसरा कोई नहीं है। अजीतदा की आत्मा जहां कहीं भी हो भगवान उन्हें शांति और मुक्ति प्रदान करें। उनके परिवार को यह दुख सहन करने की क्षमता प्रदान करें।