1,120 Views
कोकराझार 4 नवम्बर। छठी वाहिनी सशस्त्र सीमा बल रानीगुली के कार्यवाहक कमांडेंट श्री संजीव कुमार के अगुवाई में समवाय सरलपारा के अन्तर्गत भारत-भूटान सीमावर्ती सरलपारा क्षेत्र में नागरिक कार्यक्रम के तहत 30 दिनों का मशरूम खेती प्रशिक्षण का आगाज कम्युनिटी हॉल गुम्वा ( सरलपारा) में श्री प्रभाकर कुमार वैद्य, उप कमाडेंट के नेतृत्व में किया गया, जिसमें सीमावर्ती क्षेत्रों के 30 ग्रामीण, पुरुष व महिलाओं को मशरूम खेती प्रशिक्षण के लिए चयनित किया गया जो मशरूम खेती प्रशिक्षण के दौरान श्री प्रभाकर कुमार वैद्य, उप कमांडेट ने उपस्थित सभी पुरुष व महिला प्रशिक्षुओं को संबोधित करते हुये बताया कि पिछले कुछ वर्षो में किसानों का रूझान मशरूम की खेती की तरफ तेजी से बढ़ा है। भारत में 10-12 वर्षो में मशरूम के उत्पादन में लगातार वृद्धि देखी जा रही है। इस समय हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक और तेलगाना व्यापारिक स्तर पर मशरूम की खेती करने वाले प्रमुख उत्पादक राज्य है। भारत में मशरूम को खुम्भ, खुम्भी, भमोड़ी और गुच्छी आदि नाम से भी जाना जाता है। देश में बेहतरीन पौष्टिक खाद्य के रूप में मशरूम का इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा मशरूम के पापड़, जिम का सप्लीमेन्ट्री पाउडर, अचार, बिस्किट, टोस्ट, कूकीज, नूडल्स, जैम (अजीर मशरूम) सॉस, सूप, खीर, ब्रेड, चिप्स, सेव चकली आदि भी बनाए जाते हैं। साथ ही साथ महोदय ने बताया कि छठी वाहिनी सशस्त्र सीमा बल ने समय-समय पर सीमावर्ती क्षेत्रों में निवासरत पुरूष एवं महिलाओं को इस तरह का व्यावसायिक प्रशिक्षण देती रहती है ताकि ये लोग रोजगार के लिए तैयार हो सके तथा समाज की मुख्य धारा से जुड़े रहे। इस कार्यक्रम में सीमावर्ती गांव के लगभग 100 ग्रामीण उपस्थित हुये तथा समवाय मुख्यालय सरलपारा के प्रभारी उपनिरिक्षक / सामान्य मानोहर लाल व समवाय में उपस्थित सभी कर्मचारी कार्यक्रम में उपस्थित रहे।
गोपाल प्रसाद
कोकराझार