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एक ऐसा त्यौहार जो चार दिन चलता है, कोई दंगा नहीं होता, इंटरनेट कनेक्शन नहीं काटा जाता, किसी शांति समिति की बैठक कराने की जरुरत नहीं पड़ती, चंदे के नाम पर गुंडा गर्दी नहीं होती और जबरन उगाही भी नहीं ! शराब की दुकाने बंद रखने का नोटिस नहीं चिपकना पड़ता, मिठाई के नाम पर मिलावट नहीं परोसी जाती है! उंच – नीच का भेद नहीं होता, व्यक्ति-धर्म विशेष के जयकारे नहीं लगते, किसी से अनुदान और अनुकम्पा की अपेक्षा नहीं रहती है, राजा रंक एक कतार में खड़े होते है, समझ से परे रहने वाले मंत्रो का उच्चारण नहीं होता और दान दक्षिणा का रिवाज नहीं है। वास्तव में हिन्दू धर्म में सबसे बड़ा आस्था तथा स्वच्छता से परिपूर्ण भारत की धार्मिक धरती पर छठ पुजा का यह त्योहार सभी को आशीर्वाद करने वाला त्यौहार है। कुछ समय पहले इस पुज्य त्योहार को एक आस्तिक मानव जाति के लोगों को इतना कठिन व्रत श्रद्धा भक्ति के साथ मनाने की प्रथा थी मगर आज (वर्तमान) में सारा हिन्दू धर्म के मान्य व्यक्ति श्रद्धा पूर्वक सद्भावना के साथ मनाने में अपने आपको भाग्यशाली समझने लगे हैं।
प्रकृति के ऐसे महा पर्व #छठ_पूजा की हार्दिक बधाई और शुभकामनायें
जय छठ मैया।
देवकीनन्दन जालान शिलचर