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राजभाषा हिंदी संयुक्त सुरक्षा समिति असम का एक प्रतिनिधिमंडल मिला शिक्षा मंत्री डॉ रनोज पेगू से शिक्षा मंत्री ने सभी मांगों को उचित बताया और मिलकर काम करने का वचन दिया

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गौहाटी 21 नवंबर: आज दिसपुर सचिवालय में राजभाषा हिंदी संयुक्त सुरक्षा समिति असम का एक प्रतिनिधिमंडल शिक्षा मंत्री डॉ रनोज पेगू से मिला और उन्हें सात सूत्री मांगों से संबंधित ज्ञापन प्रदान किया। ज्ञापन पढ़ने के पश्चात एक-एक करके सभी बिंदुओं पर शिक्षा मंत्री ने अपनी बात रखी। प्रतिनिधि मंडल को उन्होंने बताया कि अब असम के लिए अलग से टेट परीक्षा नहीं होगी, CTET से ही शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत त्रिभाषा फार्मूले में प्रथम भाषा मातृभाषा होगी, द्वितीय भाषा अंग्रेजी होगी तथा तृतीय वैकल्पिक भाषा के रूप में हिंदी शिक्षा दी जाएगी। 6 विषय रहेंगे, इसमें श्रेष्ठ पांच के अंकों के आधार पर परिणाम दिया जाएगा।

उन्होंने विशेष रूप से उल्लेख किया कि राजभाषा हिंदी की समिति के साथ सहयोग करके हिंदी मध्य विद्यालयों को प्रमोट करने के लिए और हिंदी विषय को प्रमोट करने के लिए एक रोड मैप बनाया जाएगा। असम में कक्षा 1 से 8 तक शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत राष्ट्रीय गाइडलाइन के अनुसार काम करना पड़ता है। जबकि कक्षा 9 से 12 तक राज्य सरकार का नियम चलता है। इसलिए असम के माध्यमिक विद्यालयों की नियुक्ति में अब तक राष्ट्रभाषा प्रचार समिति की डिग्रियां मान्य थी अब नए सर्विस रूल के अनुसार विश्वविद्यालय की डिग्री ही मान्य होगी।
उन्होंने घोषणा किया कि 2020-21 से उच्च प्राथमिक विद्यालयों के रिक्त पड़े सभी हिंदी शिक्षकों के पदों पर तथा माध्यमिक उच्च माध्यमिक के लिए 1200 हिंदी शिक्षकों की नियुक्ति का विज्ञापन शीघ्र ही प्रकाशित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि असम में 45 हजार विद्यालय हैं, उन्हें चलाना इतना आसान नहीं है। उन्होंने स्वीकार किया कि शिक्षा विभाग में कई कमियां है, जिसके चलते सरकार को कम करने में समस्याओं का सामना करना पड़ता है। शिक्षा विभाग की कमियों को दूर करने के लिए उन्होंने राजभाषा हिंदी संयुक्त सुरक्षा समिति का सक्रिय सहयोग मांगा।

उन्होंने कहा कि हिंदी के जिन विद्यालयों का माध्यम परिवर्तित कर दिया गया है, उन्हें जल्दी ही द्विभाषी माध्यम में परिवर्तित किया जाएगा और फिर धीरे-धीरे उन्हें हिंदी मध्यम करने का प्रयास किया जाएगा। इसके लिए उन्होंने समिति को निरंतर सक्रिय रूप से लगे रहने के लिए अनुरोध किया। हिंदी पुस्तकों की कमी के बारे में उन्होंने कहा कि उन्हें जो रिक्वायरमेंट मिलती है, उतनी पुस्तक भेजी जाती है। उन्होंने समिति से रिक्वायरमेंट को वेरीफाई करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि हिंदी माध्यम के शिक्षकों की कहां-कहां आवश्यकता है, इसकी जानकारी हमें दी जाए। अन्य विद्यालयों से हिंदी के जो शिक्षक हैं, उन्हें राशनलाइज करके स्थानांतरित किया जाएगा।
प्रतिनिधि मंडल में समिति के मुख्य संयोजक आचार्य आनंद शास्त्री, लखीपुर के विधायक कौशिक राय, राताबाड़ी के विधायक विजय मालाकार, हिंदीभाषी समन्वय मंच के महासचिव दिलीप कुमार, दुर्गेश कुर्मी महासचिव बराक हिंदी साहित्य समिति, विश्वजीत कोईरी महासचिव बराक चाय युवा कल्याण समिति, कंचन सिंह महासचिव हिंदीभाषी एवं चाय जनसमुदाय मंच, प्रदीप कुर्मी भोजपुरी परिषद, सुभाष चौहान बराक चाय जन जागृति मंच, मनोज शाह सर्व हिंदुस्तानी परिषद, मानव सिंह हिंदीभाषी विकास समिति, रामनारायण नुनिया प्रभारी हाइलाकांदी, प्रेमचंद रायशर्मा संयोजक करीमगंज, राजदीप राय प्रभारी करीमगंज व अभिनंदिता कुमार हिंदीभाषी महिला मंच शिलचर शामिल थे।

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