नई दिल्ली. इजरायल और हमास के बीच शुक्रवार से 4 दिनों तक जंग नहीं होगी; इस दौरान आतंकी संगठन हमास 50 इजरायली बंधकों की तो इजरायल 150 फिलिस्तीनी नागरिकों को रिहा करने पर तैयार हैं. कतर के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माजिद अल-अंसारी ने गुरुवार को बताया कि संघर्ष विराम समझौते में गाजा पट्टी के उत्तर और दक्षिण दोनों में युद्धविराम शामिल होगा. माजिद अल-अंसारी ने सीजफायर और बंधकों तथा कैदियों की अदला-बदली के लिए हमास के साथ मध्यस्थता में अहम भूमिका निभाई है.
इससे पहले उचित स्थितियां बनाने के लिहाज से वार्ताकारों के बीच चर्चा हुई थी. पहले यह समझौता गुरुवार से लागू करने की घोषणा हुई थी लेकिन फिर इसे शुक्रवार तक के लिए टाल दिया गया था. 7 अक्टूबर को हमास के अप्रत्याशित हमले के बाद इजरायल ने हमास के सभी ठिकानों को खत्म करने का प्रण लेकर हमले करने शुरू किए थे. और तब से अब तक गाजा पट्टी पर इजरायल ने कई हमले किए. हवाई हमलों के बाद जमीनी कार्रवाई भी की.
इस बीच सीजफायर को लेकर कतर, अमेरिका और मिस्र ने प्रयास किए और अब शुक्रवार से यह संभव होगा. हमास शासित गाजा में स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि उसने इजरायल-हमास की जंग में मारे गए फिलिस्तीनियों की विस्तृत जानकारी के साथ गणना करना फिर शुरू कर दिया है और मृत्यु के 13,300 से अधिक मामले दर्ज किए हैं.
डील के अनुसार 4 दिनों तक जंग नहीं होगी और हमास पहले 50 बंधकों को रिहा करेगा. इनमें महिलाएं और बच्चे शामिल हैं. वहीं इजरायल पहली बार में 150 फिलिस्तीनी महिलाओं और बच्चों को छोड़ेगा. इस तरह एक बंधक के बदले 3 फिलिस्तीनी नागरिकों की रिहाई होगी. कतर के विदेश राज्य मंत्री मोहम्मद अल खुलैफी ने कहा है कि सीजफायर के दौरान मिलिट्री मूवमेंट नहीं होगा और न ही दोनों ओर से हमले किए जाएंगे. इजरायल टाइम्स के अनुसार अब बंधकों के परिवार जनों से कहा जा रहा है कि बंधकों की रिहाई युद्ध की पहली प्राथमिकता है. अब इजरायल खुले तौर पर कहने भी लगा है कि बंधकों की जल्द से जल्द रिहाई जरूरी है. सोच में यही बदलाव इजरायल के डील के लिए मान जाने का प्रमुख कारण है. इजरायल की कैबिनेट ने भी इस डील का 35-3 से समर्थन किया है.