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गुजरात : वेतन मांगने पर पहले मारा फिर चटवाई सैंडल, दलित युवक के साथ हुई वीभत्स घटना

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अहमदाबाद. गुजरात के मोरबी में दलित युवक को प्रताडि़त करने का मामला सामने आया है। जानकारी के मुताबिक यहां काम करने वाले एक 21 वर्षीय दलित युवक ने जब अपने वेतन की मांगी की तो फैक्टी की मालकिन ने पहले तो अपने सहयोगियों के साथ मिलक उसे पीटा फिर उससे अपनी सैंडल चटवाकर माफी मांगने के लिए मजबूर किया। इस बात की जानकारी होते ही पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। वहीं, कांग्रेस के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष जिग्नेश मेवाणी ने सरकार पर निशाना साधा है।

बता दें कि मोरबी जिले के एक फैक्ट्री में नीलेश दलसानिया नाम का 21 वर्षीय युवक काम करता था। वह अपने 16 दिन के वेतन की मांग लेकर कारखाने पहुंचा तो वहां पर फैक्ट्री की मालकिन विभूति सीतापरा उर्फ राणीबा, उसका भाई ओम पटेल, राज पटेल, डीडी रबारी व अन्य 4 युवकों ने मिलकर उसकी बेल्ट से पिटाई की तथा राणीबा ने उसे अपने सेंडल चाटकर माफी मांगने पर मजबूर किया। आरोपितों ने इस घटना का वीडियो बनाकर इंटरनेट मीडिया पर वायरल कर पीडित को अपमानित करने का प्रयास किया।

आरोपियों के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज

वहीं, इस पूरे मामले पर पुलिस उपाधीक्षक (एससी/एसटी सेल) प्रतिपालसिंह जाला ने बताया कि बुधवार को एक युवक के द्वारा वेतन मांगने पर उसके साथ ज्यादती की गई। पहले उसके साथ मारपीट की गई उसके बाद उसे जूता मुंह में दबाकर रखने के लिए कहा गया। शिकायत के आधार पर मोरबी शहर की ए डिवीजन पुलिस ने गुरुवार को विभूति पटेल उर्फ रानीबा और उसके भाई ओम पटेल और प्रबंधक सहित अन्य लोगों के खिलाफ पहली सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज की। बता दें कि विभूति पटेल रानीबा इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड के मालिक हैं, जिसका रावापार चौराहे पर एक व्यावसायिक परिसर में कार्यालय है। एफआईआर में कहा गया है कि अक्टूबर की शुरुआत में उसने टाइल्स मार्केटिंग करने वाले दलसानिया को 12,000 रुपये के मासिक वेतन पर काम पर रखा था।

राज्य में प्रभावशाली जातियों के लोगों को खुली छूट मिली है

गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष जिग्नेश मेवाणी ने कहा है कि देश में दलितों पर अत्याचार की सजा की दर 36 प्रतिशत है, लेकिन गुजरात में एट्रोसिटी के मामलों में सजा की दर 5 फीसदी है इसलिए राज्य में प्रभावशाली जातियों के लोगों को खुली छूट मिल गई। गुजरात के एक नागरिक को अपना वेतन मांगने पर इस तरह अपमानित किया जाए यह मानवता के खिलाफ अपराध है। राज्य सरकार की प्रतिबद्धता दलितों के प्रति रही नहीं है। उसकी नियत खराब नहीं हो तो 6 माह में ट्रायल पूरी कर आरोपितों को जल्द जेल के सलाखों के पीछे धकेलना चाहिए।

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