श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथ महिला मंडल सिलचर द्वारा दिवाली स्नेह मिलन का सुंदर आयोजन जैन भवन के दूसरे तल्ले में किया गया।सभी बहनों का अलका बैद एवम नीलम सांड ने कुमकुम तिलक लगा कर स्वागत किया ।कार्यक्रम दो चरणों में विभक्त किया गया पहला दिवाली स्नेह मिलन ,दूसरा मिलेटस द्वारा व्यंजन बनाने की प्रतियोगिता। दोनों कार्यक्रमों में बहनों का उत्साह देखने लायक था। कार्यक्रम अध्यक्ष श्रीमती रेखा चौरडिया की अध्यक्षता में प्रारंभ हुआ ।दिवाली स्नेह मिलन में 45 वर्ष से कम उम्र की बहनों को पारंपरिक परिधान में 16 श्रृंगार पर प्रतियोगिता में भाग लेना था। जिसमें 9 प्रतिभागी बहनों ने भाग लिया जिनके नाम कांता नाहर,अमिता बरडिया ,रश्मि सांड, जयश्री बैद, प्रीति रांका,आयुषी नाहटा ,अर्चना बेद,रुचि मरोठी और पूजा मरोठी है। सभी बहनों को गेम खिलवाए गए। प्रतियोगिता में बहनों को वेशभूषा के साथ-साथ मंडल को आगे कैसे बढ़ाए विषय पर भी अपने विचार रखते थे। पारंपरिक परिधान प्रतियोगिता में प्रथम द्वितीय एवं तृतीय क्रमशः कांता नाहर ,आयुषी नाहटा, अमिता बरडिया रहे। जिनका निर्णय ऑडियंस पोल द्वारा किया गया। मंडल को आगे कैसे बढ़ाए प्रतियोगिता में रुचि मरोठी रश्मि सांड, अर्चना बैद क्रमशः प्रथम द्वितीय एवं तृतीय रहे। इन्होंने अपने विचार रखते हुए कहा कि मंडल को आगे बढ़ाने के लिए समय,एकता ,सहयोग,समर्पण के साथ साथ उसे टेक्नोलॉजी के साथ जोड़ने की विशेष जरूरत है।

वरिष्ठ सदस्या श्रीमती आशालता भूरा ने भी इस विषय पर अपने विचार प्रस्तुत किए ।कार्यक्रम में निवर्तमान अध्यक्ष श्रीमती प्रेम सुराणा कुसुम मालू ,बबीता डागा ने सुरंगी चुनरी गीत का संगान कर सभी को मंत्र मुक्त कर दिया ।कार्यक्रम के दूसरे चरण मिनिट्स व्यंजन प्रतियोगिता में मिलेट्स द्वारा बनाए गए व्यंजन का स्वाद एवं प्रेजेंटेशन देखने लायक था ।प्रतियोगिता में भाग लेने वाली बहने समता मरोठी, सविता मरोठी ,जयश्री बैद, पूजा मरोठी, अमिता बरडिया,मोनिका बैद,अर्चना बैद ,मधु दुग्गड़,उर्मिला रांका, अंजू बैद,कांटा नाहर आयुषी नाहटा एवं प्रीति रांका रहे।मिलेट्स प्रतियोगिता में प्रथम द्वितीय एवं तृतीय क्रमशः अर्चना बैद, सविता मरोठी एवं मोनिका बैद रहे। जज के रूप में श्रीमती भारती गुलगुलिया एवं श्रीमती रेनू बरडिया को नियुक्त किया। गया ।कार्यक्रम में श्रीमती सुंदरी देवी पटवा एवं श्रीमती किरण देवी भूरा की सम्मानित उपस्थिति रही।कार्यक्रम के पश्चात अल्पाहार की व्यवस्था की गई ।




















