नई दिल्ली. कैदियों की रिहाई में लगने वाले समय की अब काफी बचत होगी. यह बचत चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ द्वारा Faster 2.0 पोर्टल लॉन्च करने से संभव हुई है. इस पोर्टल का लाभ यह होगा कि कैदियों की रिहाई संबंधी अदालती आदेश की जानकारी जेल अथॉरिटी, ट्रायल कोर्ट, हाईकोर्ट तक तुरंत पहुंच जाएगी.
चीफ जस्टिस ने कहा कि मैं आश्वस्त करता हूं कि जेल में बंद कैदियों के पहलू पर गौर किया जाएगा. हम एक पोर्टल शुरू कर रहे हैं, जहां किसी व्यक्ति की रिहाई के न्यायिक आदेशों को तत्काल अनुपालन के लिए जेलों, निचली अदालतों और उच्च न्यायालयों में स्थानांतरित कर दिया जाएगा.
वर्तमान व्यवस्था के तहत जेल से रिहा होने में काफी वक्त लगता है. नया पोर्टल लॉन्च होने के बाद इस मामले में तेजी आएगी और कैदियों की तुरंत रिहाई मुमकिन होगी. सीजेआई ने आशा व्यक्त की कि न्यायिक बुनियादी ढांचे को और अधिक नागरिक-केंद्रित बनाने के प्रयासों के कारण, सभी वर्गों, जातियों और पंथों के नागरिक अदालती प्रणाली पर अपना भरोसा जता सकते हैं और इसे अपने अधिकारों को लागू करने के लिए एक निष्पक्ष और प्रभावी मंच के रूप में देख सकते हैं.