नाम: एनिमल
कलाकार : रणबीर कपूर, रश्मिका मंदाना, बॉबी देओल, अनिल कपूर
निर्देशक : संदीप रेड्डी वांगा
निर्माता : टी-सीरीज, भद्रकाली पिक्चर्स, सिने-1 स्टूडियोज
लेखक : संदीप, प्रणय रेड्डी वांगा, सौरभ गुप्ता
भाषा : हिंदी, तमिल, तेलुगु
फिल्म ‘एनिमल’ देखने से पहले जो सबसे जरूरी बात जाननी जरूरी है, वह ये है कि ये फिल्म सिर्फ वयस्कों के लिए है। फिल्म का एडल्ट सर्टिफिकेट इस कहानी के उस स्वरूप के लिए है। पारिवारिक मनोरंजन फिल्म न होने कारण इसके दर्शक कम हो सकते हैं।
कहानी- तकरीबन साढ़े तीन घंटे की इस फिल्म की कहानी का आरंभ होता है, बूढ़े रणबीर कपूर से जहां से कहानी फ्लैशबैक में जाती है। स्कूल में पढ़ने वाला विजय अपने अरबपति बिजनेसमैन पिता बलबीर सिंह (अनिल कपूर) को न केवल अपना आदर्श मानता है, बल्कि उसे दीवानगी की हद तक चाहता है। अपने पिता के जन्मदिन पर महज उन्हें हैपी बर्थ डे बोलने के लिए वह न केवल टीचर की मार खाता है, स्कूल से भागकर घर भी आ जाता है। मगर अपने बिजनेस में दिन-रात मसरूफ रहने वाला बलबीर बेटे को वो प्यार और समय नहीं दे पाता, जिसकी चाहत विजय करता है। मगर उसकी हिंसक वृत्ति और हरकतें उसे पिता से दूर करती जाती हैं। आठ साल विदेश में बिताने के बाद एक दिन जब उसे पता चलता है कि उसके पिता को गोली मार दी गई है, तो वह स्वदेश लौटता है।
क्या विजय अपने पिता पर जानलेवा हमला करने वालों से प्रतिशोध ले पाएगाा? क्या वह सभ्य समाज का हिस्सा बन पाएगा? उसके इस खूनी खेल में उसकी पत्नी और परिवार का क्या होगा? विजय के इस हिंसक और खतरनाक बर्ताव की वजह क्या है? ये जानने के लिए आपको फिल्म देखनी होगी।
निर्देशक संदीप रेड्डी वांगा कहानी पर पकड़ बनाए रखते हैं, लेकिन चुस्त एडिटिंग से फिल्म की अवधि को कम करने की पूरी संभावना थी। ‘रणविजय आठ साल पिता से कैसे दूर रहा? उस दौरान उसे पिता की कमी कैसे नहीं खली? हिंदी फिल्में खास ढर्रे पर चलती हैं। यहां पर कब कौन कहां से आता-जाता है, पता ही नहीं चलता। बलबीर के दुश्मनों का पक्ष बेहद कमजोर है। इतने सालों बाद बलबीर को मारने का उन्होंने क्यों सोचा?
फिल्म का दारोमदार रणबीर कपूर के कंधों पर हैं। नि:संदेह रणबीर बेजोड़ अभिनेता हैं। यहां पर भी पिता के प्रति जुनूनी बेटे की भूमिका में वह जंचे हैं। उन्होंने रणविजय की मानसिकता, जुनून और जज्बे को पूरी शिद्दत से आत्मसात किया है। खलनायक की संक्षिप्त भूमिका में बॉबी दओल जंचते हैं। रश्मिका मंदाना के हिस्से में एक-दो भावुक दृश्य, पति पत्नी की तकरार और चुंबन के दृश्य आए हैं। अनिल कपूर अपने किरदार साथ न्याय करते हैं।