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आत्म बलिदानी -शहीद अविनाश माहेश्वरी
मंदिर_वहीं_बनेग
शहीद अविनाश माहेश्वरी का जन्म 26 जून1973 को पिचोलिया ग्राम अजमेर मैं हुआ। वे अपने माता पिता श्री माणक चंद्र माहेश्वरी एवम् अक्षय माहेश्वरी के एकलौते पुत्र थे। प्रेम का नाम था– पिंटू ।
पिंटू का घर के संस्कारमय धार्मिक वातावरण मै लालन पालन हुआ। बाल्यकाल से ही प्रखर बुद्धि व तेजोमय व्यक्तित्व से संपन्न थे।
प्रारंभिक शिक्षा ग्रामीण आँचल मैं सम्पन हुई। बाल्यकाल मैं ही राष्ट्रीय स्वयं-सेवक संघ के स्वयं-सेवक बने और उसके साथ ही देश धर्म व संस्कृति के प्रति निष्ठा के संस्कार का बीजारोपण हो गया।
प्रथम श्रेणी मैं माध्यमिक और उच्च माध्यमिक परीक्षा उतीर्ण कर महाविद्यालय मैं प्रवेश लिया। शिक्षा के साथ-साथ धार्मिक गतिविधयों मैं भाग लेना उनकी रूचि का विषय था।
उसी समय सन् 1992 में सम्पूर्ण देश में अयोधीया में श्री राम मंदिर निर्माण हेतु कारसेवा का वातावरण निर्माण हुआ । कार सेवा में जाने हेतु अपनी उत्त्कट अभिलाषा की पूर्ति हेतु घर मे वातावरण निर्माण किया व अन्य स्वयंसेवकों को प्ररित किया तथा अयोध्या के लिए प्रस्थान किया।
कार सेवा के दौरान घायल कारसेवको को प्राथमिक उपचार एवम् उन्हें अस्पताल में पहुचाने का दायित्व मिला। 6 दिसंबर 1992 को कारसेवा के दौरान भारतपुर का एक स्वयंसेवक राजबहादुर घायल हो गया अविनाश उसे लेकर फैजाबाद के अस्पताल पंहुचा लेकिन कुछ देर बाद ये कह कर उतर गया की आप पहुचे मैं अन्य घायल स्वयंसेवको को लेकर आता हूँ ।
राम मंदिर की और प्रस्थान करते हुए किसी मुस्लिम आततायी द्वारा कारसेवकों पर बम फेंका गया पर अविनाश ने अपनी चपलता और फुर्ती का परिचय देते हुये बम को हाथ में झेलकर वही फेंक दिया।
उसी दौरान हुये विस्फोट से निकले छर्रे अविनाश के शरीर में धस गए । उसी दौरान अविनाश को फैजाबाद के चिकत्सालय मैं भर्ती कराया गया। जहां शलय चिकत्सा के दौरान अविनाश माहेश्वरी अपनी देह त्याग कर पंचतत्व में विलीन हो गए।
राम काज करते हुये तथा अपने साथियों की रक्षा करते हुये रामभक्त अमर बलिदानी अविनाश माहेश्वरी ने धर्म रक्षा का अनुपम उद्धरण प्रस्तुत किया।
उसी शहीद अविनाश माहेश्वरी के बलिदान की स्मृति को चिर स्थायी रखने के उद्देश्य से सन् 1993 मैं शहीद अविनाश माहेश्वरी आदर्श विद्या निकेतन अजमेर की स्थापना की गयी।