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ढाई साल में 88,080 सरकारी नौकरियां दी: मुख्यमंत्री

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गुवाहाटी (असम), 09 दिसंबर : मुख्यमंत्री डॉ हिमंत बिस्व सरमा ने कहा है कि उनकी सरकार के सत्ता में आने के बाद से पिछले ढाई वर्षों में सरकार राज्य के युवाओं को कुल 88 हजार 080 नियमित नौकरियां देने में सफल रही है।

मुख्यमंत्री ने गुवाहाटी के पंजाबारी स्थित श्रीमंत शंकरदेव कलाक्षेत्र में एक कार्यक्रम के दौरान आज पीडब्ल्यूडी और पी एंड आरडी विभागों में नए भर्ती किए जाने वाले लोगों को नियुक्ति पत्र सौंपे। इनमें लोक निर्माण विभाग में कुल 240 इंजीनियरों को नियुक्ति पत्र दिए गए और 599 उम्मीदवारों को लोक एवं ग्रामीण विकास विभाग की असम राज्य ग्रामीण आजीविका योजना के तहत नियुक्ति पत्र दिए गए।

इस अवसर पर आयोजित एक भव्य समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि असम लोक सेवा आयोग के तहत चयन के अनुसार, हम लोक निर्माण विभाग में 240 इंजीनियरों को नियुक्ति पत्र प्रदान कर रहे हैं, वह भी सड़क और गृह विभाग में। इसके साथ ही, हम असम ग्रामीण आजीविका योजना के तहत 599 उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि 2021 से हम हर साल नियुक्तियां देने का प्रयास कर रहे हैं। पिछले ढाई साल से अब तक हम प्रदेश में 88 हजार 080 नियमित नौकरियां दे पाए हैं। इसी तरह हमने विभिन्न विभागों में भी नियुक्तियां दी हैं।

उन्होंने कहा कि पिछले साल हम लोक निर्माण विभाग में 256 इंजीनियरों को नियुक्तियां देने में सफल रहे। इस साल भी हमने 240 इंजीनियरों को सफलतापूर्वक नियुक्त किया है। लंबे समय के बाद, हम इंजीनियरों को नियुक्त करने में सफल हुए हैं। उन्होंने कहा हमने पीडब्ल्यूडी के अलावा अन्य तकनीकी विभागों में भी इंजीनियरों की नियुक्ति की है।

प्रदेश में युवाओं को एक लाख सरकारी नौकरियां देने को लेकर सरकार तेजी से आगे बढ़ रही है। 2022 में अपने चुनाव प्रचार के दौरान एक लाख सरकारी नौकरियों का वादा उनका एक प्रमुख चुनावी मुद्दा था, जिसके बाद उन्होंने असम के मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभाला। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार राज्य की लगभग 40 लाख महिलाओं को 10 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि देगी जो स्वयं सहायता समूहों का हिस्सा हैं और अपने स्वयं के छोटे उद्यम और व्यवसाय चलाती हैं।

पहली बार हमने स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी 40 लाख महिलाओं को 10 हजार रुपये देने और उन्हें स्व-रोज़गार महिलाओं के रूप में वर्गीकृत करने का निर्णय लिया है। वे बैंकिंग और वित्तीय समावेशन की अवधारणाओं को समझते हैं, और हम उन्हें व्यक्तिगत रूप से और समूहों के रूप में भी इस संबंध में आगे ले जा सकते हैं। इसके माध्यम से हम राज्य में उद्यमियों की एक नई नस्ल प्राप्त करने में सक्षम होंगे।

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