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अनिल मिश्र/राँची 14 दिसंबर : झारखंड के पलामू जिले के पाटन थाना क्षेत्र के मनिका गांव निवासी और ब्राह्मण परिवार से आने वाले नवल किशोर दुबे और चंपा देवी के पुत्र रमेश दुबे काम करने के दौरान गुजरात के सूरत में एक दलित लड़की को दिल दे बैठा। दोनों के प्यार इस तरह बढ़े की दोनों ने साथ मरने और जीने की कसम खाई और शादी के बंधन में बंध गए। दोनों कोर्ट से लव मैरिज का सर्टिफिकेट लेकर घर पहुंच गए। लेकिन अपने स्वजातीय और समाज को यह मंजूर नहीं हुआ और गांव से बाहर रहने का फरमान जारी कर दिया। इस फरमान के बाद दोनों ने बाहर रहने लगे। इसी बीच रमेश की पत्नी गर्भवती हो गई। हलांकि शुरुआती दौर में नवल किशोर दुबे और उनकी पत्नी चंपा देवी को इन दोनों के परिणय सूत्र में बंधना बहुत हीं नागवार लगा था। लेकिन समय के बीतने और बहू के मां बनने की खुशी से सब कुछ ठीक ठाक हो चला था। नवल किशोर दुबे और चंपा देवी, बेटे एवं बहू को अपने घर लाकर साथ में रहना चाहते थे। इन दोनों बुजुर्ग दंपत्ति अपनी बहू के मां बनने की खुशी से झूम रहे थे। साथ हीं बहू को घर लाकर इस अवस्था में देख भाल करना चाहते थे। लेकिन सामाजिक दबाव और ताने से इस कदर परेशान हो गए कि दोनों ने एक साथ जहर खा लिया। इसकी जानकारी आसपास के लोगों को मिलते ही दोनों को इलाज के लिए मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां इलाज के दौरान दोनों की मौत हो गई। पुलिस ने पंचनामे और पोस्टमार्टम के बाद दोनों शवों को परिजनों को सौंप दिया हैं।