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डिब्रूगढ़, 14 दिसंबर, संदीप अग्रवाल
अखिल विश्व गायत्री परिवार, डिब्रूगढ़ शाखा के तत्वावधान में दो दिवसीय ” राष्ट्र जागरण गायत्री महायज्ञ ” का आयोजन गत 9 एवं 10 दिसंबर को शहर के महालया रोड, झालुकपाडा स्थित विवेकानंद केंद्र में श्रद्धा एवम भक्तिभाव से किया गया | कार्यक्रम के पहले दिन 9 दिसंबर को शहर के मारवाड़ी पट्टी पूजा घाट के पास स्थित ब्रह्मपुत्र नद से काफी संख्या में महिलाओं ने कलश में जल भर कर कलश यात्रा में भाग लिया | शहर के प्रमुख मार्गों से होती हुई कलश यात्रा कार्यक्रम स्थल पहुंच कर समाप्त हुई | संध्या के वक्त शांतिकुंज, हरिद्वार से पधारे प्रतिनिधियों द्वारा प्रवचन हुआ | जिसमें जीवन शैली को आडम्बर रहित और परोपकारी बनाने हेतु बल दिया गया | वहीं कार्यक्रम के दूसरे दिन सुबह के वक्त महायज्ञ एवं यज्ञोपवीत संस्कार का आयोजन तथा संध्या के वक्त धार्मिक प्रवचन तथा दीपयज्ञ का आयोजन किया गया | इस नौकुंडीय महायज्ञ में कुल 27 जोड़ों ने यजमान स्वरूप अंश ग्रहण किया तथा उपस्थित सभी लोगों ने आहुति देकर अपने तथा परिवार एवं समाज के लिये प्रार्थना की | शान्तिकुञ्ज, हरिद्वार से पधारे मुख्य आचार्य प्रमोद वार्चे थे ,जिन्होंने समस्त यज्ञ-आहूति तथा ज्ञान यज्ञ का सम्पादन किया तथा उनके साथ अंचल प्रभारी तिवारी जी थे | उक्त दो दिवसीय कार्यक्रमों में काफी संख्या में भक्तों ने भाग लेकर धर्म लाभ उठाया | ज्ञात हो कि ” मनुष्य में दैवत्व का उदय और धरती पर स्वर्ग का अवतरण ” ही अखिल विश्व गायत्री परिवार का उद्देश्य है | गायत्री एवं यज्ञ को भारतीय संस्कृति का मूल आधार माना गया है | गायत्री अर्थात सद्विचार, यज्ञ अर्थात सत्कर्म | दोनों के सम्मिलित स्वरूप से सद्भावनाओं और सत्प्रवृत्तियों को बढ़ाते हुए विश्वशांति एवं मानव कल्याण का मार्ग प्रशस्त होता है | अनपढ़ को सुगढ बनाने के गायत्री रूपी इस रसायन में आज की समस्त समस्याओं का समाधान छिपा है | यह हर किसी के लिए सहज सुलभ है | नारी सशक्तिकरण वर्ष 2023 – 24 के अंतर्गत नौकुंडीय राष्ट्र जागरण गायत्री महायज्ञ शांतिकुंज हरिद्वार के मार्गदर्शन में आयोजन की व्यवस्था बनी है | वेदमूर्ति तपोनिष्ठ पं. श्रीराम शर्मा आचार्य जी एवं वंदनीया माताजी के सुक्ष्म संरक्षण में समस्त प्राणियों के कल्याण और विश्व शांति हेतु डिब्रूगढ़ शहर में भी गायत्री महायज्ञ का आयोजन किया गया |डिब्रूगढ़ अंचल का दायित्व मनोज कुमार को दिया गया था जिनके नेतृत्व में इस आयोजन का आयोजन हुआ तथा पवन कुमार गाड़ोदिया को इस आयोजन के निमित्त मुख्य संयोजक (cordinator) का भार दिया गया था | इस दो दिवसीय महायज्ञ के समापन पर सभी को धन्यवाद देते हुए पवन कुमार गाडोदिया ने कहा कि ईश्वर की असीम अनुकम्पा से हमें, मंगल कलश यात्रा, नौकुण्डीय गायत्री महायज्ञ, यज्ञोपवित संस्कार, दीक्षा संस्कार और ज्ञान-यज्ञ का अति सुन्दर परिवेश और आयोजन का सौभाग्य प्राप्त हुआ, जिसके लिये गायत्री परिवार डिब्रूगढ़, विवेकानंद केन्द्र आनन्दालय की समिति , विवेकानंद केन्द्र के सभी भाईयों-बहनों, विवेकानंद केन्द्र विद्यालय के शिक्षकों एवं सदस्यों, शान्तिकुञ्ज हरिद्वार एवं आस पास के अंचलों से पधारे सभी साधकों, कार्य कर्ताओं, एवं इस महत् आयोजन में अपनी मनसा-वाचा-कर्मणा सेवा देने वाले समाज बन्धुओं का आभार प्रकट करता है , जिनके अथक प्रयास एवं सहयोग के बिना यह वृहत् कार्य असम्भव था। मैं उन सभी माननीय बहनों एवं भाईयों की सेवा को नमन करता हूँ, जिन्होंने इस कार्यक्रम में भोजन-प्रसाद, पेय-जल, पण्डाल, माईक, विद्युत, प्रचार- प्रसार, और अपनी परोक्ष या अपरोक्ष सेवा देकर इस पुण्य कार्य का संचालन किया। मैं, किसी विशेष व्यक्ति विशेष का नाम नहीं लेते हुए, इस सफल आयोजन का समूचा श्रेय आप सभी के तन-मन-धन से दी हुई नि:स्वार्थ सेवा को देता हूँ तथा इस कार्य के सम्पादन में, किसी से भी जाने-अनजाने में हुई त्रुटियों के लिए क्षमा प्रार्थी हूँ।
आशा ही नहीं, मुझे पूर्ण विश्वास है कि इस सु-अवसर का अनुभव आप सभी के जीवन को और भी सुगंधित करेगा।