अलगापुर: कांग्रेस से टिकट से वंचित बाबुल कुमार हैलाकांदी जिले के अलगापुर विधानसभा क्षेत्र से बतौर निर्दल प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने जा रहे है। मीडिया कर्मियों के साथ एक मुलाक़ात के दौरान उन्होंने स्वयं इसकी जानकारी दी। उनका कहना था कि अलगापुर क्षेत्र के हिंदू , विशेषकर चाय जनगोष्ठी मतदाता असमंजस की स्थिति में है।
एक विशेष संप्रदाय के उम्मीदवार होने के चलते वह तय नहीं कर पा रहे है किसके पक्ष में अपना मतदान करें। बाबुल कुमार ने बताया उन्होंने अलगापुर की जनता से विचार – विमर्श कर चुनावी मुकाबले के लिए उतरने का निर्णय लिया है। बाबुल कुमार ने यह भी बताया कांग्रेस पार्टी से वह भी एक टिकट के दावेदार थे, पर पार्टी आलाकमान ने उनके आवेदन को स्वीकार्य नहीं किया।
कांग्रेस – एआईयूडीएफ महाजोट होने के वजह से निजामुद्दीन चौधरी को टिकट मिला। चौधरी एआईयूडीएफ के उम्मीदवार है। ऐसे में उन्हें ( बाबुल कुमार ) टिकट से वंचित किया गया। उन्होंने खुद को एक संग्रामी नेता बताया। उनका कहना था कि वह श्रमिकों के हितों को लेकर आवाज उठाते आए है। रोजकांदी चाय बागान में हुए आंदोलन का नेतृत्व उन्होंने ही किया था। आंदोलन के दौरान उन्हें जेल भी जाना पड़ा।
अलगापुर में 25 चाय बागान है। बागान के लोगो की यही राय है, वह चुनाव लड़े। उन्हें आशा है कि केवल चाय बागान में ही नहीं बल्कि अन्य भाषियों के भी मत मिलेंगे। उन्होंने आरोप लगाया गत पांच वर्ष में विकास नहीं हुआ है। भाजपा के मित्र दल से जिसे उम्मीदवार बनाया गया है मतदाताओं का उनके प्रति कोई आस्था नहीं है। उनकी छवि भी दागदार है।
एक विकल्प के रूप में यहां के लोग उन्हें ( बाबुल कुमार ) चाहते है। सोमवार को वह अपना नामांकन भरने जा रहे है। स्थानीय ज्वलंत समस्याओं के बारे में वह अवगत है। क्षेत्र में विकास और व्याप्त समस्याओं के समाधान के लिए वह प्रयास करना चाहते। उनके मुताबिक क्षेत्र में करीब डेढ़ लाख मतदाता है, जिसमें 76 हज़ार हिंदू मतदाता है। चाय बागान के लगभग 40 हज़ार मतदाता है। चुनाव में अपनी लड़ाई निजामुद्दीन के साथ होने की संभावना बताया।
हालांकि चुनाव में किसका पलड़ा भारी रहने वाला है, यह तो मतदाता ही तय करने वाले है। नतीजे जब जाएंगे तब पता चल जाएगा मतदाताओं ने किसके प्रति अपना विश्वास जताया