प्रणबानंद इंटरनेशनल स्कूल सिलचर ने ८जनवरी, २०२४ को ब्रह्मांड के चमत्कारों को अपनाया, जब छात्र और शिक्षक पृथ्वी के घूर्णन दिवस के जश्न में शामिल हुए। उत्साहपूर्ण जोश से भरा यह कार्यक्रम स्कूल के छात्रों के बीच वैज्ञानिक जिज्ञासा की भावना जगाने के लिए आयोजित किया गया था।
प्रणबानंद इंटरनेशनल स्कूल सिलचर के सम्मानित प्राचार्य डॉ. ‘पार्थ प्रदीप अधिकारी’ ने छात्रों की सक्रिय भागीदारी और एकजुटता पर प्रसन्नता व्यक्त की। ‘डॉ. अधिकारी’ ने दिन के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि उत्सव की शुरुआत आकर्षक शैक्षिक गतिविधियों की एक श्रृंखला के साथ हुई। इन गतिविधियों को जीवंत और संवादात्मक (इंटरैक्टिव) तरीके से खगोल विज्ञान के बुनियादी सिद्धांतों को जानने के लिए सावधानी पूर्वक अन्य सृजनात्मक कार्य(डिजाइन) किया गया था, जिससे छात्रों को पृथ्वी के घूर्णन की गहरी समझ मिल सके।
उप प्राचार्य, श्री ‘नीलोत्पल भट्टाचार्जी ‘ ने उत्सव के आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। श्री भट्टाचार्जी ने कहा कि १८५१ में आज ही के दिन फ्रांसीसी भौतिक विज्ञानी लियोन फौकॉल्ट ने साबित किया था कि पृथ्वी अपनी धुरी पर घूमती है, जो विज्ञान और भूगोल की दुनिया में एक बड़ी सफलता थी।
उन्होंने कक्षा चर्चाओं, व्यावहारिक प्रयोगों और व्यावहारिक प्रस्तुतियों सहित पूरे दिन होने वाली गतिविधियों की विविध श्रृंखला में अंतर्दृष्टि साझा की। इन पहलों का उद्देश्य न केवल खगोलीय घटना को याद करना है बल्कि प्राकृतिक दुनिया के बारे में आश्चर्य की गहरी भावना पैदा करना भी है।
श्री ‘भट्टाचार्जी’ ने समग्र और नवीन शिक्षा प्रदान करने, पारंपरिक सीमाओं से परे सीखने के प्रति प्रेम को बढ़ावा देने के लिए स्कूल की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला। प्रणबानंद इंटरनेशनल स्कूल सिलचर में पृथ्वी के घूर्णन दिवस समारोह ने न केवल शैक्षणिक रूप से कुशल व्यक्तियों को बल्कि विज्ञान के चमत्कारों का पता लगाने के लिए उत्सुक जिज्ञासु को भी बढ़ावा देने के लिए संस्थान के समर्पण के प्रमाण के रूप में कार्य किया। स्कूल एक ऐसा शैक्षिक वातावरण विकसित करने के अपने मिशन में दृढ़ है जो ज्ञान के लिए आजीवन जुनून को प्रेरित करता है।