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माघ माह की वर्षा से सड़क की समस्या नागरिकों के सामने

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बि.एम.शुक्लबैद्य, बिहारा , ४ फरवरी २०२४ : खनार की भाषा में “यदि वर्षे माघेर शेष, धन्यि राजार पुण्य देश” (यह कथन बंग्ला में हैं)। इसलिए माघ की बारिश को शुभ मानकर स्वागत करने की प्रथा आज भी है। काछाड़ जिला में शुक्रवार को माघ के अंत में हुए बारिश की बूंदों पर कुछ लोगो ने हर्ष ध्वनि से इसका स्वागत किया था। उल्लेखनीय है यह एक दिन की बारिश प्रकृति के लिए शुभ है किन्तु इसकी मार बिहारा निवासी के सिर पर पड़ गयी है.  यह बात भले ही आश्चर्यजनक लगे किन्तु वास्तविक में ऐसा ही है। बिहारा क्षेत्र की मुख्य मार्ग हैं शिलचर – जयंतिया सड़क। यह सड़क काटिगोरा एवं बोरखोला विधानसभा क्षेत्रों के लोगों के लिए परिवहन का मुख्य साधन है। इस क्षेत्र के लोगों के जीवन एवं आजीविका भी इसी सड़क पर निर्भर है। यद्यपि शताब्दी पुरानी यह सड़क कभी भी अपनी दुर्दशा से मुक्त नहीं हो पाई। एक आरटीआई कार्यकर्ता द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, असम सरकार की लोकनिर्माण विभाग के कामधेनु के समान इस सड़क के नवीकरण के लिए करोड़ों रुपये आवंटित किए जाने के बावजूद यह सड़क ठीक नहीं हो पाई है। उस समय या वर्तमान में भी कोई भी राजनेता यह पहचानने का साहस नहीं जुटा सका कि सड़क में गड्ढा है या गड्ढे में सड़क हैं। वर्तमान में असम माला परियोजना के अंतर्गत इस मार्ग का निर्माण कार्य आरंभ हो गया है। जिससे इस क्षेत्र के लोगों के मन में कुछ आशा जगी है किंतु निर्माण कार्य की अनियोजित एवं धीमी गति ने लोगों के जीवन को संकट में डाल दिया है। सड़क निर्माण कार्य से पूर्व इसके कुछ भागों में सी सी ब्लॉक था किंतु ठेकेदार ने असम माला कार्य के लिए पर्याप्त भूमि अधिग्रहित होने से पूर्व ही उन स्थानों से सी सी ब्लॉक को हटा दिया हैं। दूसरी ओर सड़क के बड़े-बड़े गड्ढों को लाल मिट्टी से भर दिया गया है। परिणामस्वरूप, शुष्क मौसम में भारी धूल भरी आंधी के बाद, माघ माह में बारिश के कारण शिलचर – जयंतिया सड़क फिसलन भरी हो गई हैं। यह सड़क सम्पूर्ण रूप से दुर्गम हो गयी हैं। विशेषकर बिहारा आरक्षी चौकी से चयारन बस्ती तक पैदल चलना मुश्किल हो गया है. छात्रों सहित पैदल चलने वालों को अत्यधिक विपत्ति है। शनिवार को सड़क पर फिसलन भरे कीचड़ में कई बाइक और साइकिलें फंसी देखी गईं। इस दिन एक भाजपा नेता अपनी बाइक से बिहारा बाजार को पार करते समय कीचड़ में घिरने के बाद किसी तरह सड़क पार कर पाये। एक प्रादेशिकृत विद्यालय की शिक्षिका अपने विद्यालय जाते समय सड़क पर गिरने के कारण एक घातक दुर्घटना की शिकार हो गई। कुछ दिन पूर्व शिलचर के सांसद डॉ. राजदीप राय ने बिहारा रेलवे स्टेशन पर कंचनजंगा एक्सप्रेस के ट्रायल स्टॉप का ढोल बजाकर उद्घाटन किया था। कैसे इस भयानक सड़क को पार कर लोग बिहारा रेलवे स्टेशन तक आयेंगे कंचनजंघा एक्सप्रेस में सवार होने के लिए? कई लोगों ने इस पर संदेह जताया है। एक व्यवसायी दुख प्रकट करते हुए बोला कि खराब सड़कों के कारण यातायात कम होने से वह आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। कई लोगों ने यह राय व्यक्त की है कि ठेकेदार के अनियोजित निर्माण कार्य से इस खराब सड़क को अत्यधिक खराब बना दिया है। दो-चार बूंद बारिश से ही सड़क की दुर्दशा देखकर इस क्षेत्र के निवासियों को आने वाले वर्षा माह की चिंता सताने लगी है।

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