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असम: इलाज के लिए जादू-टोने को लेकर हुई सख्त सरकार, कैबिनेट से प्रतिबंध लगाने वाले विधेयक को मंजूरी

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गुवाहाटी. असम सरकार इलाज के नाम पर किए जाने वाले जादू-टोने को लेकर सख्त हो गई है. सरकार ने उपचार के नाम पर जादुई उपचार की प्रथाओं को प्रतिबंधित करने का फैसला लिया है. उसने इस तरह के उपचार को समाप्त करने के लिए एक विधेयक को मंजूरी दे दी है. इस विधेयक में ऐसे उपचार कर्ताओं के खिलाफ कठोर दंडात्मक कार्रवाई का प्रावधान है. बता दें, यह निर्णय मुख्यमंत्री हिमंत विश्व सरमा की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में लिया गया.

बैठक में लिए गए निर्णयों को साझा करते हुए सरमा ने कहा कि कैबिनेट ने एक समर्पित सतत विकास कार्यक्रम के लिए 10 शहरों/कस्बों का भी चयन किया और राज्य नगरपालिका कैडर में सुधार लाने का प्रस्ताव रखा. वहीं, मंत्रिपरिषद ने असम उपचार (बुराइयों की रोकथाम) प्रथा विधेयक, 2024 को मंजूरी दे दी.

यह है उद्देश्य

इस विधेयक का उद्देश्य बहरापन, गूँगापन, अंधापन, शारीरिक विकृति और ऑटिज्म जैसी कुछ जन्मजात बीमारियों के इलाज के नाम पर जादुई उपचार की प्रथाओं को प्रतिबंधित करना और समाप्त करना है.  मुख्यमंत्री सरमा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा, जादूई उपचार पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया जाएगा. इलाज के नाम पर गरीब और दलित लोगों से जबरन वसूली करने वाले चिकित्सकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. सतत शहरी विकास के लिए 10 शहरों के विकास (दो शहर-एक रूपायन) की अवधारणा शुरू की जाएगी. इसके कार्यान्वयन की निगरानी और समीक्षा राज्य स्तरीय संचालन समिति द्वारा की जाएगी.

इनको भी दी मंजूरी

इसके अलावा, कैबिनेट ने असम नगरपालिका अधिनियम 1956 में संशोधन को मंजूरी दी, जिसके माध्यम से तीन राज्य नगरपालिका कैडरों की भूमिकाओं और जिम्मेदारियों को परिभाषित किया जाएगा. वहीं, इसने वीडीओ में सुधार के लिए असम ग्राम रक्षा संगठन (संशोधन) विधेयक, 2024 को भी मंजूरी दी.

सब्सिडी वाली बिजली नहीं मिलेगी

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने रविवार को कहा कि राज्य में किसी भी मंत्री, अधिकारी या सरकारी कर्मचारी को सब्सिडी वाली बिजली नहीं दी जाएगी. उन्होंने बिजली विभाग को मिनिस्ट्रियल कॉलोनी में आवासों सहित सरकारी क्वार्टरों में प्रीपेड मीटर लगाने के निर्देश दिए हैं.

शर्मा ने कहा कि उन्हें हाल ही में एक बातचीत के दौरान बिजली विभाग के अधिकारियों द्वारा सूचित किया गया था कि मासिक बिजली बिल के खाते में बहुत मामूली राशि मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों के वेतन से काट ली जाती है.उन्होंने कहा, मैंने विभाग को निर्देश दिया कि मंत्री कॉलोनी में आवासों सहित हर सरकारी क्वार्टर में व्यक्तिगत प्रीपेड मीटर लगाए जाएं. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कदम का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि मंत्रियों, अधिकारियों या सरकारी कर्मचारियों को सब्सिडी वाली बिजली का लाभ न मिले.

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