नई दिल्ली. देशभर के किसान फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी पर कानूनी गारंटी और कृषि कर्ज माफी सहित कई मांगों को लेकर अपना प्रदर्शन कर रहे हैं. संयुक्त किसान मोर्चा ( गैर-राजनीतिक ) और किसान मजदूर मोर्चा दिल्ली चलो मार्च प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे हैं. किसानों के प्रदर्शन ने अब और भी सख्त रुख अख्तियार कर लिया है. एमएसपी पर कानूनी मांग को लेकर किसान नेता राकेश टिकैत ने गुरुवार को घोषणा करते हुए कहा कि 23 फरवरी को आक्रोश दिवस मनाया जाएगा. इसके अलावा किसान दिल्ली मार्च को लेकर भी अहम फैसला करेंगे. संयुक्त किसान मोर्चा ने भी 26 फरवरी को ट्रैक्टर मार्च आयोजित करने की बात कही है.
किसान 26 फरवरी को ट्रैक्टर मार्च और 14 मार्च को रामलीला मैदान में महापंचायत करने वाले हैं. इस बीच, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली से सटे हरियाणा में किसान संगठनों के पदाधिकारियों और आंदोलनकारी किसानों के खिलाफ वहां की पुलिस ने राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत एक्शन लेना शुरू कर दिया है. किसान और सरकार के बीच अभी तक सहमति नहीं है. विवार को सरकार के साथ जब चौथे दौर की वार्ता विफल रही, तो किसानों ने 21 फरवरी को दिल्ली मार्च का ऐलान कर दिया. हालांकि पुलिस ने किसानों को दिल्ली में प्रवेश करने से रोक दिया. इसके बाद गुरुवार को संयुक्त किसान मोर्चा ने चंडीगढ़ में अहम बैठक की, जिसमें शुक्रवार को देशभर में आक्रोश दिवस मनाने पर सहमति बनी. दिल्ली कूच पर आमादा पंजाब और हरियाणा के किसान पिछले 10 दिनों से शंभू बॉर्डर पर बैठे हैं. कई बार पुलिस और किसानों के बीच झड़प हुई. इस दौरान ड्रोन की मदद से सैकड़ों आंसू गैस के गोले बरसाए गए.