सम्माननीय मित्रों ! मेरी बाल्यावस्था की एक स्मृति है कुप्रसिद्धि एवं मुस्लिम-ईसाई-“तुष्टिमग्र्यामवा
इस सामूहिक सरकारी हत्याकांड में केवल 30 मिनट में पांच हजार शैव्य,शाक्त,सिख,वैष्णव,जैन आदि सभी सम्प्रदायों के साधु संत मार दिये गये थे ! यहाँ तक की गोली लगने से घायल होकर गिरे साधुओं के सर पर दुबारा पुलिस ने गोलियां मारकर उनकी मृत्यु की पुष्टि की थी।
मित्रों 1984 के ऑपरेशन में ! इमरजेन्सी में अथवा मुल्लाओं के मुल्ला मुलायम खान के द्वारा भी इतना अत्याचार नहीं हुवा ! मुझे अत्यंत ही आंतरिक पीडा एवं खेद के साथ कहना पड रहा है कि तभी हमारे संत ह्रदय सम्राट आदरणीय-“करपात्री जी महाराज” ने कहा था कि-“राजनीति संडास अर्थात-“पाखाना” है वहां जाना किसी को अच्छा नहीं लगता ! किन्तु मजबूरी है कि पेट की सफाई करने के लिये वहाँ जाना पडता है।”
कश्मीर घाटी,केरल,तमिलनाडु,कर्नाटक,अयो
इन सभी हत्याकांडों के पीछे एक गहरी सच्चाई रही है कि जब-जब विपक्ष विहीन अथवा अत्यंत ही कमजोर विपक्षों वाली सरकार बनी तब-तब भारत में केवल और केवल हिन्दी-हिन्दू और हिन्दूस्थान का अपमान एवं हत्या हुयी ! और पुनश्च-“अबकी बार ! फिर एकबार ! निरंकुश सरकार !”
मित्रों ! मैं भलीभांति समझता हूँ और स्वीकार करता हूँ कि हमारे यशस्वी प्रधानमन्त्री श्रीमान नरेन्द्र दामोदर दास मोदी जी, एवं यशस्वी मुख्यमंत्री श्रीमान हेमन्तो बिस्वशर्मा जी” जैसे लोग बिरले एवं अवतारी पुरूष होते हैं ! ऐसे लोगों का जन्म कइयों सदियाँ व्यतीत हो जाने के पश्चात होता है-
“विप्र धेनु सुर संत हित लीन्ह मनुज अवतार।
निज माया निर्मित तनु माया गुण गोपाल॥”
मित्रों ! अत्यंत ही दुःख पूर्वक ये कडवी सच्चाई स्वीकार करनी पडती है कि जिस प्रकार-“परिवार वाद” की बलिवेदी पर आज कांग्रेस की हत्या स्वयं सोनिया गांधी ने करवा दी ! शिव सेना की हत्या उद्धव ठाकरे ने करवा दी ! कांशीराम के आंदोलन की मायावती ने करवा दी ! वैभवशाली पश्चिम बंगाल की हत्या ममता बनर्जी ने करवा दी ! बिलकुल उसी प्रकार वो दिन दूर नहीं कि निरंकुश होकर भारतीय जनता पार्टी के आयातित नेता गण धीरे-धीरे हमारे प्रधानमंत्री जी,मुख्यमंत्री जी की आड में भारतीय संस्कृति पर चोट करते-करते राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एवं भारतीय जनता पार्टी को भी नष्ट कर देंगे ।
इसके कुछ छोटे छोटे उदाहरण आप स्थानीय स्तर पर देख सकते हैं ! मित्रों नवम्बर माह में हमारी-“राजभाषा हिन्दी संयुक्त सुरक्षा समीति” का शिष्ट मण्डल आदरणीय विधायक श्रीमान कौशिक राॅय जी के संरक्षण में गया था ! जहाँ असम के “शिक्षामंत्री श्रीमान डाक्टर रनोज पेगू” जी ने हम सबके साथ चली लगभग देढ घंटे की वार्तालाप में हमारी केहुनी ऊपर गुड चिपका दिया था ! (अर्थात जिसे आप कभी भी चाट नहीं सकते क्योंकि जीभ वहाँ तक जायेगी ही नहीं) कहा था कि आपलोग हिन्दी भाषाके लिये अपेक्षित विद्यालय और शिक्षको का जमीनी स्तर पर घूम घूम कर सत्यापित सूचि बनाकर लेकर आइये ! आपकी मांग बिलकुल उचित है ! हम आपकी मांग तत्काल स्वीकार कर रहे हैं ! मुख्यमंत्री जी के आदेशानुसार(?)हम
आपसे मिल रहे हैं ! हमलोग यही चाहते थे(?)-ऐसा उन्होंने कहा !
किन्तु अभी जब हमारा शिष्ट मण्डल पूरी सूची बनाकर उनके बुलावे पर पुनश्च गया तो मिलने से ही मना कर दिया ?
हमारे द्वारा हिन्दी पाठ्यक्रम की पुस्तकें न मिलने पर वे तभी बोले थे कि उनको बराक उपत्यका के शिक्षा विभाग पर विश्वास नहीं है ! वे लोग मांग ही नहीं करते ! आपलोग बताइये कि कितनी आवश्यकता है हम भेजेंगे ! किन्तु अभी अभी दिनांक 23 फरवरी को हमारे शिक्षामंत्री जी ने गोहाटी में स्पष्ट रूप से घोषित कर दिया कि कक्षा छे और सात की पुस्तकें-“द्विभाषा -शिक्षानीति” के अनुरूप- विज्ञान और गणित” की पुस्तकें अंग्रेजी, असमिया,बोडो एवं बांग्ला” में ही भेजी जायेंगी ! अर्थात यह एक और धोखा दिया गया ! उनके द्वारा भी और भारतीय जनता पार्टी द्वारा भी।
मुस्लिम आतंकवादियों द्वारा हमारे चाय बागानों की जमीन पर अतिक्रमण करते ही जाने की बात को ! हमारी बच्चियों के साथ हो रहे बलात्कार को ! हमारे गोवंश को सीमापार भेजे जा रहे अमानवीय व्यापार को सिरे से ही नकारने वाली-“यह सरकार हमारी है !” मित्रों ! यहाँ यह भी उल्लेखनीय है कि अमर बलिदानी मंगल पाण्डे चौक पर उनकी मूर्ति स्थापित करने की हमारी मांग को अभी तक तो अनसुना किया जा रहा था और हमारी तद्सम्बन्धित समीति द्वारा जिलाधिकारी जी को प्रधानमंत्री जी के लिये दिये गये ज्ञापन के तत्काल बाद अब उससे भी आगे बढकर समूचे भारत को चिढाने के लिये जिस स्थान पर हमारे बलिदानी मंगल पाण्डे जी का चित्र लगाया गया था ! -“मंगल पाण्डे मूर्ति स्थापना समीति” द्वारा लगाया गया था उस चित्र को ढंकने के लिये जानबूझकर वहाँ-“कैंसर हास्पीटल” से सम्बंधित विशाल बैनर लगा दिया गया ! अर्थात ये निश्चित है कि-“विजेत्री च न संहता कार्यशक्तिर् विधायास्य धर्मस्य संरक्षणम्” अपने स्वधर्म,मातृभाषा एवं अपनी पीढियों की सुरक्षा हेतु ! अपने स्वाभिमान हेतु हमें शालीनता,शांति एवं सद्भाव पूर्वक अपने सामूहिक विरोध आंदोलन के मार्ग पर चलना ही होगा ! यह अत्यंत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमें हमारे द्वारा चुनी हुयी सरकार के पक्षपाती व्यवहार से क्षुब्ध होकर न चाहकर भी कहना पडता है कि-“समर्था भवत्वाशिषा ते भृशम्” क्रमशः …..आनंद शास्त्री सिलचर, सचल दूरभाष यंत्र सम्पर्कांक 6901375971″
हमारा ऐप डाउनलोड करें
- Admin
- March 4, 2024
- 1:03 pm
- No Comments
“अबकी बार ! फिर एकबार ! निरंकुश सरकार !”
Share this post: