प्रे.सं करीमगंज 4 मार्च। प्रख्यात शिक्षाविद् निमाईचांदपुर एचएस स्कूल के पूर्व प्राचार्य शंकरराम बरई अब हमारे बीच नही रहें। रविवार की सुबह आठ बजे उनके घर पर ही मृत्यु के गोद में समा गये, मृत्यु के दौरान वे 82 वर्ष के थे। वे अपने पीछे दो बेटे, चार बेटियाँ, पोते-पोतियाँ और रिश्तेदार व अपने चाहनेवालों को छोड़ गए। उनकी मृत्यु की खबर फैलते ही गगलाछोड़ा समेत उनके चाहनेवालो में शोक छाया रहा, मालूम हो कि वह पिछले कुछ सालों से बुढ़ापे के चलते अस्वस्थ थे, लेकिन रविवार सुबह से उन्हें कुछ शारीरिक परेशानी ज्यादा बढ़ गयी और कुछ ही देर में इस दूनिया छोड़ गये, ज्ञात हो कि वे गागलाचेरा बागान के एक मजदूर परिवार से थे। गरीबी के बीच संघर्ष करते हुए उन्होंने विज्ञान में स्नातक की डिग्री प्राप्त की और 1964 में निमाईचंदपुर हायर सेकेंडरी स्कूल की सेवा में शामिल हो गये। गणित पर उनकी मजबूत पकड़ थी। 2002 में अवकास प्राप्त होने के बाद भी वह शिक्षा से जुड़े रहे। लखीपुर विधायक कौशिक रॉय, बराक चाय श्रमिक संगठन के अध्यक्ष तथा करीमगंज के सांसद कृपानाथ माला, लखीपुर के पूर्व विधायक राजदीप ग्वाला, सचिव बाबुल नारायण कानू, काछाड़ विद्यालय समूह के पूर्व डीआई जवाहरलाल राय व समाजसेवी प्रेमराज ग्वाला, बीईओ पार्थप्रतिम चक्रवर्ती, एबीआरसीसी जयकिशन सुराणा, सीआरसीसी मनोज पांडेय, निमाईचांदपुर उच्च माध्यमिक विद्यालय के सह-प्रधानाचार्य कमरुल इस्लाम बरभुइया, सीआरसीसी रूहुल अख्तर लस्कर आदि परिवारवालो के प्रति समवेदना प्रकट की। ज्ञात हो कि स्वर्गीय शंकर राम बरई के सबसे छोटे पुत्र रत्नदीप बारी भारतीय स्टेट बैंक में अकाउंटेंट के पद पर कार्यरत हैं तथा दूसरे पुत्र रामानंद बरई एक निजी कंपनी में आईटी पद पर कार्यरत हैं।




















