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यशवन्त पाण्डेय शिलचर 9 मार्च। एनआईटी सिलचर ने अपने पड़ोसी भोरखाई ग्राम पंचायत को गोद लिया। डीएसटी इंडिया यूरोपियन यूनियन मंजुरीकृत परियोजना के तहत भोरखाई जीपी के पीछे 40 परिवारों के विकास के लिए एनआईटी सिलचर द्वारा 1 करोड़ 40 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। इस संबंध में शनिवार को एनआईटी सिलचर के गेस्ट हाउस सभागार में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के माध्यम से एनआईटी सिलचर के निदेशक दिलीप कुमार वैद्य और अन्य अतिथियों द्वारा ई-रिक्शा की चाबियां गांव की ऊर्जा समिति को सौंपी गईं। आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में मंच पर एनआईटी सिलचर के निदेशक दिलीप कुमार वैद्य, रजिस्ट्रार असीम रॉय, प्रोफेसर नलिन बिहारी देव चौधुरी, इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग के प्रमुख प्रोफेसर ए के गोस्वामी, प्रोफेसर एफ तालुकदार मौजूद थे।
इस अवसर पर डीएसटी इंडिया यूरोपियन यूनियन मंजुरीकृत प्रकल्प के दो अन्वेषक प्रान्जीत बर्मन और डॉ. आशारानी के साथ भोराखाई ग्राम पंचायत के जीपी सभापति सूर्य प्रसाद गोड़ सहित उस गांव के लाभार्थी उपस्थित थे। 1 करोड़ 40 लाख की लागत से भोराखाई गांव के 40 चयनित परिवारों को स्वच्छ जल और सौर ऊर्जा के साथ अन्य सुविधाए उपलब्ध करायी जायेगी।
एनआईटी सिलचर के निदेशक प्रोफेसर दिलीप कुमार वैद्य ने ई-रिक्शा पुरस्कार समारोह में कहा, डीएसटी इंडिया यूरोपीय संघ सेंसंड परियोजना एक वैश्विक परियोजना है। इस योजना में एनआईटी, आईआईटी जैसे उच्च गुणवत्ता वाले संस्थान हैं। उनका मिशन उच्च गुणवत्ता वाले अनुसंधान करना है। और इस उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा के माध्यम से देश को बेहतर बनाना ही मुख्य लक्ष्य है। विश्व में भारत को मजबूत बनाना। और वो काम हम लगातार कर रहे हैं और देश को आगे बढ़ा रहे हैं।
इस परियोजना के अन्वेषक प्रान्जीत बर्मन ने कहा कि एनआईटी सिलचर के पास भोराखाई गांव को भारत-यूरोप परियोजना के हिस्से के रूप में अपनाया गया है। इस परियोजना के तहत भोरखाई गांव के 40 अति पिछड़े परिवारों का चयन किया गया है। इस प्रोजेक्ट के तहत 1 करोड़ 40 लाख रुपये खर्च किये जायेंगे। इस परियोजना के अन्तर्गत सोलर प्लान्ट के लिए भोराखाई गांव के चंपा लाल दुषाद और साधीन नुनिया ने अपनी जमीन दी है। कार्यक्रम का संचालन इस नये प्रोजेक्ट की अन्वेषक डॉ. आशारानी ने किया।