चंद्र शेखर ग्वाला, लखीपुर १२ मार्च :— विभिन्न मणिपुरी संगठनों ने राज्य के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वशर्मा, शिक्षा मंत्री, तथा लखीपुर क्षेत्र के विधायक कौशिक राय का धन्यवाद किया।अब से, राज्य के प्राथमिक विद्यालय अपनी भाषा लिपि में मणिपुरी पढ़ाना शुरू करेंगे। राज्य सरकार द्वारा मणिपुरी भाषा को मान्यता मिलने से जल्द ही राज्य में मणिपुरी माध्यम के प्राथमिक विद्यालयों के छात्र मणिपुरी भाषा लिपि में अपनी पढ़ाई शुरू कर सकेंगे और मास्टर डिग्रीयां हासिल कर सकेंगे। आज लखीपुर पूर्णग्राम ख़ौनम क्लब में कई मणिपुरी संगठनों ने एक पत्रकार सम्मेलन में इस पर प्रकाश डाला। वे यह भी कहते हैं कि उनकी मणिपुरी लिपि को मणिपुर से असम तक आने में ४५ वर्ष लग गये। मणिपुर राज्य में छात्र कई वर्षों से अपनी भाषा लिपि के साथ पढ़ाई कर रहे हैं। इस बार असम सरकार ने मणिपुरी भाषा को मान्यता दी है और राज्य के मणिपुरी छात्रों को मणिपुरी लिपि से पढ़ाई करने का अवसर दिया है।,विभिन्न मणिपुरी संगठनों की ओर से राज्य के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा शर्मा, शिक्षा मंत्री रनोज पेगु और लखीपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक कौशिक राय को धन्यवाद दिया। इस दिन, मणिपुरी संगठन लंबे समय से सरकार से दो भाषा लिपियों को मान्यता देने की मांग कर रहे हैं। अधिकारियों ने कहा कि लेकिन सरकार द्वारा एक भाषा लिपि को मान्यता देने से दोनों संगठनों के बीच अब कोई मतभेद नहीं है,। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि मणिपुर द्वारा प्रकाशित किसी पाठ्यपुस्तक को असम के स्कूलों में न दी जाने की मांग किया। वे सरकार से असम में प्रकाशित पाठ्यपुस्तकों के साथ प्राथमिक शिक्षा प्रदान करने की मांग करेंगे। प्राथमिक विद्यालय से मणिपुरी लिपि में पढ़ाई शुरू करने का कारण यह है कि वर्तमान में पुस्तकों और शिक्षकों की कमी है। भविष्य में इस लिपि का उपयोग करें,भविष्य में छात्र इसी लिपि से उच्च शिक्षा प्राप्त कर सभी प्रकार के साक्षात्कारों में भाग ले सकेंगे। संगठन के अधिकारियों ने संवाददाताओं से कहा, वे राज्य में मणिपुरी पाठ्यपुस्तकों के प्रकाशन में मणिपुरी भाषा उत्पादन समिति की पूरी मदद करने के लिए भी तैयार हैं।




















