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प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता व उद्योगपति चंद्रकांत जायसवाल का निधन

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गुवाहाटी, 28 दिसम्बर (हि.स.)। राज्य के प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता व उद्योगपति चंद्रकांत जायसवाल का सोमवार को गुवाहाटी के गुवाहाटी मेडिकल कालेज अस्पताल (जीएमसीएच) में निधन हो गया। उनके निधन से शोक की लहर दौड़ गयी है। जयसवाल विभिन्न संगठनों से जुड़कर समाज की सेवा की।

ज्ञात हो कि पूर्वोत्तर हिन्दुस्तानी सम्मेलन के अध्यक्ष, हिन्दुस्तानी केन्द्रीय विद्यालय संचालन समिति के अध्यक्ष एवं प्रसिद्ध उद्योगपति चन्द्रकांत जायसवाल का निधन मंगलवार की सुबह 09.15 पर गुवाहाटी स्थित जीएमसीएच में हो गया। वे पिछले कुछ समय से अस्वस्थ चल रहे थे। उनके निधन की खबर मिलते ही पूरे समाज में शोक की लहर दैड़ गयी। वे 79 वर्ष के थे। अपने पीछे धर्मपत्नी, तीन पुत्र, पांच पुत्री, पौत्र-पौत्री समेत हरा-भरा परिवार अपने पिछे छोड़ गए है।

उनकी अंतिम यात्रा मंगलवार को छत्रीबाड़ी स्थित कुंती निवास से दोपहर 01 बजे प्रारंभ होगी। तत्पश्चात 01.30 बजे भांगागढ़ स्थित हिन्दुस्तानी केन्द्रीय विद्यालय में उनके नाश्वर शरीर को लाया जाएगा। विद्यालय में पूर्वोत्तर हिन्दुस्तानी सम्मेलन समेत विभिन्न संस्थाओं की ओर से दिवंगत आत्मा को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी। साथ ही एनसीसी कैडेट की ओर से गार्ड आफ ऑनर दिया जाएगा। इसके उपरांत अपराह्न 03 बजे गुवाहाटी स्थित भूतनाथ मुक्तिधाम में उनका अंतिम संस्कार संपन्न किया जाएगा।

चन्द्रकांत जायसवाल का जन्म 01 जनवरी 1941 को उत्तर प्रदेश के देवरिया जिलांतर्गत बरहज में हुआ था। उनके पिता का नाम अयोध्या प्रसाद जायसवाल था। वे बरहज में अपनी शिक्षा-दीक्षा संपूर्ण करने के पश्चात कटिहार गए, उसके बाद गुवाहाटी आए और फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा। अपने परिश्रम की बदौलत वे प्रमुख उद्योगपतियों में अपना स्थान बनाया और अपने क्षेत्र में सफलता के परचम लहराए।

वे मूलत: सामाजिक-धार्मिक प्रवृति के सहृदय इंसान थे। वे हिन्दुस्तानी सम्मेलन के अतिरिक्त विहंगम योग संस्थान, इंटरनेशनल वेदांत सोसाइटी, अखिल असम कलवार समाज, उत्तर प्रदेश पूर्वोत्तर विकास संघ समेत विभिन्न संस्थाओं से सक्रिय रूप से जुड़े थे। वे यथासंभव सबकी मदद किया करते थे। इसलिए समाज में उन्हें दानवीर के नाम से भी पुकारा जाता था। गुवाहाटी के विभिन्न सामाजिक-सांस्कृतिक प्रकल्पों में उनका उल्लेखनीय योगदान था।

पूर्वोत्तर हिन्दुस्तानी सम्मेलन के
महामंत्री एसपी राय ने पूरे समाज की ओर दिवंगत जायसवाल को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए चन्द्रकांत जायसवाल को हिन्दीभाषी समाज का आधार स्तंभ बताया। उनके निधन से हिन्दुस्तानी सम्मेलन को अपूरणीय क्षति हुई है जिसकी भरपाई फिलहाल असंभव प्रतीत होती है। सम्मेलन ने दिवंगत आत्मा की शांति के लिए परम पिता परमेशवर से प्रार्थना करते शोक संत्पत परिवार के प्रति अपना संवेदना प्रकट की है।

पूर्वोत्तर हिंदुस्तानी सम्मेलन के अध्यक्ष स्व. चंद्रकांत जायसवाल की मृत्यु पर सर्व हिंदुस्तानी युवा परिषद के सभी कार्यकर्ता गण शोकाकुल है। उनकी गरिमामयी उपस्थिति से सदैव हिंदी भाषी समाज लाभान्वित हुआ एवं उनके मार्गदर्शन में पूर्वोत्तर हिंदुस्तानी सम्मेलन ने नयी ऊंचाई पाई है। उनका जाना पूरे समाज के लिए एक बड़ी क्षति हैै, जिसका भर पाना असंभव है। वे एक कुशल एवं ज़मीन से जुड़े हुए व्यक्तित्व थेे। जिन्होंने समाज के कार्यों में हमेशा बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया एवं हमेशा लोगों को एक साथ ले चलने मैं वे हमेशा अग्रसर रहते थे। मृदुभाषी एवं सज्जनता के वे जीवित उदाहरण थे। उनकी आत्मा की शांति के लिए उनके पूरे परिवार को सहियुप की ओर से श्रधांजलि अर्पित करते है एवं इस कठिन परिस्थिति में उनके साथ खड़े है। सहियुप के राष्ट्रीय अध्यक्ष शंकर सिंह एवं सचिव शत्रुघन, युवा परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष आकाश चौहान, आनंद गुप्ता, सागर मिश्र, अंकुश गोयल, दिलीप अग्रवाल, हरि गुप्ता एवं सभी कार्यकारणी सदस्य उनको श्रद्धांजलि प्रेषित करते है।।

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