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हाइलाकांदी 4 अप्रैल: करीमगंज लोकसभा क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी वरिष्ठ पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता दिलीप कुमार ने मीडिया से बातचीत करते हुए आरोप लगाया कि अन्य दल से आए हुए लोगों ने भारतीय जनता पार्टी के ऊपर कब्जा कर लिया है और असम में नकली भाजपाई सरकार चला रहे हैं।
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ चुनाव से एक परंपरा कायम होती जा रही है, पुरे देश में किसी व्यक्ति विशेष के नाम पर मतदान कराया जा रहा है। संघ व्यक्ति पूजा का विरोधी है, भगवा ध्वज को गुरु मानता है। लोग चुने जाने के बाद जनता से कोई मतलब नहीं रखते, क्षेत्र में नहीं जाते हैं, लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए कोई प्रयास नहीं करते। जनता को बंधुआ मजदूर समझ लिया है, समझते हैं वोट तो देंगे, कहां जाएंगे? अपने क्षेत्र की उन्नति के लिए इस सोच को बदलना होगा।
असम सरकार और सत्ताधारी दल बराक घाटी के साथ भेदभाव कर रहे हैं। बराक घाटी की आवाज दिल्ली तक नहीं पहुंचने दे रहे हैं। विपक्षी दल मुख्यमंत्री के हाथों की कठपुतली बने हुए हैं। डेलीमीटेशन में हमारी दो सीटें कम कर दी गई, किसी ने आवाज नहीं उठाई। पिछले 10 वर्षों से महासड़क का काम अधूरा है। शिलांग रोड की भी हालत खराब है। हाइलाकांदी जिले का राजधानी के साथ सीधा रेल यातायात नहीं है। बराक नदी में जल परिवहन शुरू करने के लिए सरकार ने आश्वासन दिया था जो अभी तक शुरू नहीं हुआ। रोजगार के नाम पर तृतीय श्रेणी और चतुर्थ श्रेणी की नौकरी भी बराक घाटी के लोगों को नहीं मिल रही है। कहां तक ग्रामीण क्षेत्रों पर ध्यान दिया जाता, नगरीय क्षेत्रों में भी पेयजल और साफ सफाई की स्थिति खराब है। चाय बागान क्षेत्र और ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क, पीने का पानी, मोबाइल सिग्नल की तथा खेती के लिए सिंचाई की बहुत समस्या है। बराक घाटी में एक उद्योग था पेपर मिल, वह भी बंद हो जाने से हजारों लोग बेरोजगार हो गए। सरकारी सुविधाओं में दलाल राज चल रहा है। सिंडिकेट राज के चलते बराक घाटी में जरूरी चीजों का दाम बढ़ता ही जा रहा है। 200 साल से असम में रह रहे चाय श्रमिक भूमिहीन है। चाय उद्योग दिन पर दिन कमजोर होता जा रहा है।
सरकारी विद्यालयों में हिंदी शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो रही है। 1857 के प्रथम स्वाधीनता संग्राम के प्रथम शहीद क्रांतिकारी मंगल पांडेय का अपमान किया जा रहा है। असम सरकार भाषा शहीदों का भी सम्मान नहीं करती।
इनके अतिरिक्त विभिन्न क्षेत्रों में और भी बड़ी-बड़ी समस्याएं हैं लेकिन पिछले 5 साल इन सब के समाधान के लिए कोई प्रयास नहीं किया गया। केवल भावना में बहकर मतदान न करें, अपने विवेक का उपयोग करें। उन्होंने अपील किया कि अपना बहुमूल्य वोट देकर हमें मजबूत बनाए, हम आपके काम आएंगे।