पाटन (गुजरात). गुजरात के एक शख्श ने कई सालों तक सरकारी नौकरी का प्रयास किया, कई प्रतियोगी परीक्षाएं भी दीं, परंतु कहीं सफलता नहीं मिली. लेकिन वह असफलता से हतोत्साहित नहीं हुआ और कुछ नया करने की ठानी, उसने बिलकुल ही अनोखा कार्य गधे की फार्मिंग का शुरू किया. जिसमें उसे आशातीत सफलता हासिल हुई और गधी के दूध की डिमांड देश-विदेश में जमकर हो रही है और वह लाखों रुपए महीना कमा रहा है.
गुजरात के पाटन जिले के रहने वाले धीरेन सोलंकी सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे थे लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली. प्राइवेट नौकरी करने की कोशिश की लेकिन इतने पैसे नहीं मिले कि घर का गुजारा चल सके. उन्होंने नौकरी छोड़कर गधे के फार्म को खोलने पर काम शुरू कर दिया.
धीरेन सोलंकी ने बताया कि दक्षिण भारत से मुझे गधा पालन के बारे में जानकारी मिली. इसके बाद करीब 22 लाख रुपये खर्च मैंने 20 गधों के फार्म की शुरुआत की. काफी कठिनाई आई. गुजरात में गधे के दूध की डिमांड ही नहीं थी, ऐसे में मुझे दूसरे प्रदेश के लोगों से संपर्क करना पड़ा.
साउथ इंडिया में है काफी डिमांड
सोलंकी को पता चला कि साउथ इंडिया में गधे के दूध की डिमांड अधिक है तो उन्होंने कंपनियों को दूध पहुंचाना शुरू कर दिया. धीरेन के मुताबिक, कर्नाटक और केरल में अधिक डिमांड है. कॉस्मेटिक कंपनियां गधे के दूध का इस्तेमाल करती हैं, उन्हें भी ये दूध की सप्लाई करते हैं.
आज धीरेन के पास 42 गधों का फार्म है. वह गधी के दूध को 5000 से 7000 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से बेच रहे हैं. इस तरह वह महीने में दो से तीन लाख रुपये कमा लेते हैं. हालांकि धीरेन की शिकायत है कि सरकार से उन्हें कोई मदद नहीं मिली, वह चाहते हैं कि सरकार इस दिशा में काम करे. बता दें कि गधे के दूध को कई बीमारियों में असरदार माना जाता है.