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बिहार में जहानाबाद के वर्तमान सांसद का हुआ विरोध, मुंह लटकाए गांव से हुए बाहर

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अनिल मिश्र/जहानाबाद : लोकसभा चुनाव का जैसे-जैसे तिथि नजदीक आ रहा है वैसे-वैसे जनप्रतिनिधियों का जनसंपर्क तेजी से बढ़ रहा है। बिहार सहित पूरे देश में इस समय भीषण गर्मी से लोग हाल बेहाल हैं ,वहीं लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सभी पार्टी के कार्यकर्ता से लेकर संबंधित पार्टी के प्रत्याशी शहर से लेकर गांव तक तापमान चालीस डिग्री से पार होने के बावजूद भरी दुपहर में मतदाताओं से मिलने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। इनके साथ-साथ सभी पार्टी के आका भी उड़नखटोली से आकर रोड़ शो के साथ-साथ जन सभा कर मतदाताओं को रिझाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे है। वहीं पिछले पांच साल से या उससे ज्यादा समय से राजनीति के फसल काटने वाले प्रत्याशियों को आम ग्रामीणों के साथ मतदाताओं का विरोध भी छेलना पड़ रहा है। ताजा उदाहरण आज का है। जहां जहानाबाद के वर्तमान सांसद जदयु के कोटे से हैं वहीं इस बार भी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के उम्मीदवार के रूप में चंद्रेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी को जहानाबाद के काको प्रखंड के हाजिसराय में अपने ही स्वजातीय का विरोध सहना पड़ा।              दरअसल चंद्रेश्वर प्रसाद  चंद्रवंशी अपनी उम्मीदवारी को लेकर शहर से गांव तक जनसम्पर्क कर मतदाताओं से मिल रहे हैं। इसी बीच आज काको प्रखंड के हाजिसराय में ग्रामीणों से मिलने पहुंच गए। इसकी भनक गांव के युवाओं को लग गई। उसके बाद युवाओं ने एक स्वर से उन्हें गांव से बाहर जाने को कहने लगे लेकिन नेताजी चुपचाप सुनते रहे। ग्रामीणों ने उन्हें वोट के समय पांच साल बाद आने के साथ ही उनके पार्टी के सर्वेसर्वा बिहार के मुख्य मंत्री नीतीश कुमार पर भी अपनी जुबान से हमला किया। ग्रामीणों ने कहा कि वोट हमलोग देते हैं और नौकरी नीतीश दूसरे राज्य के लोगों को देते हैं। इसलिए आप गांव से वापस जाए। ये सब काफी देर सुनने के बाद सांसद महोदय ने दूसरे गांव की तरफ अपना रुख किया। इसके पहले भी इनका विरोध कई गांवों में हुआ है जिसका वीडियो काफी वायरल हुआ था। आज यह दूसरी घटना है। 2019में चंद्रेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी राष्ट्रीय जनता दल के सुरेंद्र प्रसाद यादव को कड़ी टक्कर देकर लोकसभा में पंहुचे थे। इस बार भी इनका मुकाबला उन्हीं सुरेंद्र प्रसाद यादव से है। सुरेंद्र प्रसाद यादव पहली बार तेरह महीने के अटल बिहारी वाजपेई के कार्यकाल में 1998 में  जहानाबाद से राष्ट्रीय जनता दल  की टिकट पर जीतकर  लोकसभा में पहुंचे थे। उस समय लोकसभाध्यक्ष थंबीदुराई के  लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पेश करने के दौरान तत्कालिन गृह मंत्री लाल कृष्ण  आडवाणी के हाथ से छीनकर महिला बिल फाड़ने के कारण चर्चा में आये थे। जहानाबाद भूमिहार, यादव और चन्द्रवंशी बहुल क्षेत्र है। आजादी के बाद एक बार कांग्रेस और छह बार  काॅमुनिस्ट  पार्टी इस लोकसभा क्षेत्र पर कब्जा जमाया है। यह लोकसभा क्षेत्र नक्सलियों का रेडकाॅरिडोर  माना जाता है। इसी जहानाबाद में जेल ब्रेक कांड भी हुआ था। यहां अंतिम चरण यानी1जून को चुनाव है। अब मतगणना के दिन ही पता चल पायेगा कि मोदी की गारंटी जीतती है या तेजस्वी का तेज पुनः यहां राजद कायम कर पाता है।

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